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Som Pradosh Vrat: सोम प्रदोष व्रत आज, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Som Pradosh Vrat 2023: आज सोम प्रदोष व्रत है. इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है. सोमवार का दिन भगवान शिव का बेहद प्रिय है. इसलिए सोम प्रदोष का व्रत करने से इंसान की हर मनोकामना पूरी होती है. जीवन में हर तरह के कष्ट दूर होते हैं. मान्यता है कि इस व्रत को करने से इंसान जन्म और मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है.

सोम प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव सभी मनोकामना पूरी करते हैं सोम प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव सभी मनोकामना पूरी करते हैं

हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष तिथि का व्रत किया जाता है. इस तरह से इस बार सोम प्रदोष व्रत आज यानी 17 अप्रैल को है. सोमवार का दिन भगवान शिव को काफी प्रिय है. इसलिए सोमवार के दिन प्रदोष व्रत के पड़ने से इसका महत्व और बढ़ जाता है. इस व्रत के प्रभाव से चंद्रमा अपना शुभ फल देता है. सोम प्रदोष व्रत करने से हर कष्ट दूर होते हैं. मान्यता है कि सोम प्रदोष का व्रत करने से सभी तरह के सुख प्राप्त होते हैं और इंसान जन्म और मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है. जिस तरह से एकादशी की तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है, उसी तरह से त्रयोदशी की तिथि भगवान शंकर को समर्पित है. आइए आपको बताते हैं कि सोम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा कैसे की जाती है? क्या है शुभ मुहूर्त और इस दिन भगवान शिव की पूजा का क्या महत्व है.

पूजा विधि-
त्रयोदशी तिथि की व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. इसलिए इसे प्रदोष व्रत कहते हैं. सोम प्रदोष व्रत कठिन माना जाता है. ये व्रत निर्जल रखा जाता है. इस व्रत के दौरान पानी तक पीने की मनाही है. इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन सुबह स्नान करके भगवान शिव की पूजा की जाती है. इस व्रत को करने के लिए सबसे पहले त्रयोदशी के दिन सूर्योदय से पहले उठ जाएं और स्नान करने के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहने. इसके बाद भगवान शिव की पूजा शुरू करें. सबसे पहले भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित करें. इसके बाद अक्षत, दीप, धूप, गंगाजल, मिठाई से पूजा करें. शिवलिंग की पूजा के बाद पूरे दिन उपवास रखें और दान करें. व्रत के दिन मन में ओम नम: शिवाय का जाप करते रहें. त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में यानी सूर्यास्त से तीन घड़ी पहले, महादेव की पूजा की जाती है. प्रदोष व्रत की पूजा विधि के साथ पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें और सभी पूजा की चीजें अर्पित करें. मान्यता है कि संतान प्राप्ति और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए सोम प्रदोष तिथि का व्रत करना चाहिए.

शुभ मुहूर्त कब है-
सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त की शुरुआत 17 अप्रैल को दिन में 3 बजकर 46 मिनट से होगी और इसका अंत 18 अप्रैल को दिन में एक बजकर 27 मिनट पर होगा. उदयातिथि के मुताबिक सोम प्रदोष का व्रत आज ही मनाया जाएगा. व्रत का पूजन मुहूर्त शाम 6 बजकर 48 मिनट से रात 9 बजकर एक मिनट तक रहेगा.

सोम प्रदोष व्रत का महत्व-
प्रदोष व्रत में भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है. अगर प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ता है तो इसका महत्व और बढ़ जाता है, क्योंकि सोमवार का दिन भगवान शिव का बेहद प्रिय है. सोम प्रदोष व्रत करने से जीवन में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आती है. जीवन में खुशहाली रहती है. जीवन में आने वाली आर्थिक दिक्कतें दूर हो जाती हैं. मान्यता है कि सोम प्रदोष व्रत रखने से अच्छा जीवनसाथी मिलता है. मान्यता है कि सोम प्रदोष व्रत की कथा सुनने से गौ दान के बराबर पुण्य मिलता है.

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