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Somvati Amavasya 2022: सुहाग और सौभाग्य के लिए है आज का दिन बेहद खास, बस रखें इन बातों का ध्यान, भूल कर भी न करें ये 4 काम

तिथि का आरंभ दिन में 2 बजकर 19 मिनट पर होने वाला है. बता दें, इस अमावस्या को सुहाग और सौभाग्य दायक कहा जाता है. आज के दिन जो भी भगवान शिव पार्वती के साथ बट यानी बरगद के पेड़ की पूजा करते हैं उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. लेकिन इस दिन भी कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है.

Somvati Amavasya 2022 Somvati Amavasya 2022
हाइलाइट्स
  • तिथि का आरंभ दिन में 2 बजकर 19 मिनट पर होने वाला है

  • सोमवती अमावस्या पर व्रत रखने के अपने नियम हैं

Somvati Amavasya 2022:  इस बार की सोमवती अमावस्या का खास महत्व है. आपको बता दें, साल 2022 में केवल दो बार सोमवती अमावस्या लगने जा रही है. 31 जनवरी यानि सोमवार को सोमवती अमावस्या पड़ रही है. पंचांग के अनुसार, तिथि का आरंभ दिन में 2 बजकर 19 मिनट पर होने वाला है. बता दें, इस अमावस्या को सुहाग और सौभाग्य दायक कहा जाता है.

आज के दिन जो भी भगवान शिव पार्वती के साथ बट यानी बरगद के पेड़ की पूजा करते हैं उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. लेकिन इस दिन भी कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है. 

तकिए का इस्तेमाल न करें

सोमवती अमावस्या पर व्रत रखने के अपने नियम हैं. इस दिन व्रती को व्रत रखते समय तकिया का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. तकिया में रुई का इस्तेमाल होता है और सोमवती अमावस्या पर रूई को छूना निषेध है. 

वर्ती न सोएं पलंग पर 

इस दिन व्रत रखने वाले को सात्विकता के साथ-साथ संयम रखना जरूरी है. व्रती को व्रत रखते हुए पलंग पर नहीं सोना चाहिए. पलंग पर या गद्दे पर सोने से बचना चाहिए. आप व्रत के दौरान फर्श पर कंबल बिछाकर सो सकते हैं. 

नमक का सेवन न करें 

कहा जाता है कि सोमवती अमावस्या पर भोजन में नमक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इस दिन केवल फलाहार करना बेहतर होता है. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, और नामक कहते हैं तो व्रत का फल आपको नहीं मिलता है. 

सूई के इस्तेमाल से बचें

सोमवती अमावस्या के दिन सुई का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. व्रती को इस दिन कपड़े सिलना या कटाई-बुनाई करने से बचना चाहिए.