
हिंदू धर्म में यूं तो बहुत से पर्वों को शुभता और उत्साह के साथ मनाया जाता है. लेकिन जब भी बात होती है कुंभ की तो उत्साह दोगुना और अध्यात्म चरम पर होता है. साल 2025 के महाकुंभ के आयोजन की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी हैं. आस्था की डुबकी के लिए करोड़ों की संख्या में भक्त कुंभ मेले में पहुंच रहे हैं. लगभग दो महीने तक अध्यात्म और आस्था की महामेला गंगा के पावन तट पर लगता है.
रेलवे प्रशासन की अनोखी पहल
इस बार प्रशासन कुंभ मेले के लिए विशेष व्यवस्था करने में जुटा हुआ है. 2025 के आस्था के इस महाकुंभ में अध्यात्म और तकनीक का समन्वय देखने को मिलेगा. भारतीय रेलवे ने इसबार तीर्थयात्रियों के लिए एक बड़ा इंतजाम किया है.
महाकुंभ के दौरान प्रयागराज जंक्शन पर रेलवे के कमर्शियल डिपार्टमेंट के कर्मचारी विशेष ड्यूटी पर रहेंगे और क्यूआर कोड वाली हरे रंग की जैकेट पहनेंगे. पवित्र शहर में आने वाले यात्री रेलकर्मियों की जैकेट पर पहने जाने वाले स्कैनर का उपयोग करके टिकट बुक कर सकेंगे. कर्मचारियों को स्टेशनों और अलग-अलग महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात किया जाएगा. ताकि श्रद्धालुओं को हर जगह टिकट बुकिंग में मदद मिल सके.
कैसे बुक कर सकेंगे टिकट
टिकट बुक करने के लिए यात्रियों को बस रेलवे कर्मचारियों की हरे रंग की जैकेट पर क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा. स्कैन करने के बाद उन्हें अपने स्मार्टफोन पर Unreserved Ticketing System यानि UTS मोबाइल ऐप डाउनलोड करने का लिंक मिलेगा. इसके जरिए यात्री टिकट बुक कर सकते हैं. साथ ही दूसरी सुविधाओं का लाभ भी उठा सकते हैं.
इस पहल से श्रद्धालु रेलवे स्टेशन पर भीड़ और लंबी कतारों से बचकर आसानी से टिकट पा सकेंगे. डिजिटल पेमेंट के जरिए टिकट बुक करने की इस प्रक्रिया से न सिर्फ समय की बचत होगी. बल्कि महाकुंभ के दौरान आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को परेशानी मुक्त अनुभव भी मिलेगा.
महाकुंभ 2025 होगा डिजिटल इंडिया की दिशा में कदम
इस तरह नई पहल डिजिटल इंडिया की दिशा में एक कदम होगी. साथ ही महाकुंभ 2025 में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी. देश-विदेश के शद्धालु इस ऐतिहासिक और आध्यात्मिक आयोजन का हिस्सा बन सकें. इसे देखते हुए महाकुंभ के दौरान उत्तर मध्य रेलवे 13 हजार से ज्यादा ट्रेनों का संचालन करेगा.
इन ट्रेनों में 10 हजार से ज्य़ादा नियमित गाड़ियां यात्रियों की सेवा में होंगी. इसके अलावा 3 हजार से ज्यादा विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी. इन विशेष ट्रेनों में 2 हजार आउटवर्ड गाड़ियां होंगी. जबकि 800 इनवर्ड गाड़ियां होंगी. जो वापसी की यात्रा के लिए होंगी.
इस बार के कुंभ मेले का आयोजन पिछले कई कुंभ मेले आयोजन को पीछे छोड़ देगा इसका दावा किया जा रहा है. इस बार महाकुंभ में कई नई सुविधाएं भी देने की तैयारी है जिसमें रेलवे ने भी बढ़-चढ़कर साथ दिया है.