अप्रैल के महीने की आखिरी तारीख को साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा. यह दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से लेकर शाम के 04: 07 तक रहेगा. हालांकि भारत में इशका आंशिक रूप देखने को मिलेगा इसलिए इसका सूतक भी यहां मान्य नहीं होगा. इस सूर्य ग्रहण को दक्षिणी और पश्चिमी अमेरिका, अफ्रीका महाद्वीप के उत्तरपूर्वी भाग और अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा.
100 साल बाद ऐसा संयोग
इस बार खास बात ये है कि इस बार ग्रहण शनिवार को पड़ रहा है और इस दिन शनैश्वरी अमावस्या भी है. वहीं 30 सालों बाद शनि मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. शनि को कुंभ राशि का स्वामी माना जाता है. ऐसे में शनि का ये दुर्लभ संयोग हर मायने में खास है. इस परिवर्तन के बाद कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी. पिता-पुत्र का ऐसा दुर्लभ संयोग पिछले 100 वर्षों में नहीं बना है.
शनैश्चरी अमावस्या
चूंकि इस दिन शनिवार है और अमावस्या भी उसी दिन पड़ रही है तो इस दिन शनैश्चरी अमावस्या रहेगी. ये वैशाख महीने की अमावस्या होगी. इस दिन तीर्थ स्थानों पर जाकर स्नान करने और दान देने की परंपरा है. शनैश्चरी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ में जल चढ़ाने से शनि के अशुभ प्रभाव का असर कम होता है. इसके साथ ही पितर भी संतुष्ट होते हैं.
शनि के उपाय
इस दिन शनिदेव को तेल चढ़ाना चाहिए. शनिवार के दिन सरसों के तेल का दीपक जलाने से विशेष लाभ मिलता है. काले कपड़े पर उड़द और काले तिल रखकर शनि मंदिर में दान करने से शनि का ढैय्या खत्म होती है. शनिवार का दिन हनुमान जी का दिन भी माना जाता है. इस दिन पानी में काले तिल डालकर शिवजी का अभिषेक करें और जरुरतमंद लोगों को खाना खिलाएं.