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Surya Grahan 2023: साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आज, कब से होगा शुरू और कहां-कहां दिखेगा, जानें भारत पर क्या पड़ेगा प्रभाव

सर्व पितृ अमावस्या और शनि अमावस्या के संयोग में साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 की रात को लगेगा. ग्रहण की अवधि 5 घंटे 51 मिनट की होगी. आखिरी सूर्य ग्रहण पर कई तरह के योग बन रहे हैं.

सूर्य ग्रहण 2023 (फोटो प्रतीकात्मक) सूर्य ग्रहण 2023 (फोटो प्रतीकात्मक)
हाइलाइट्स
  • 14 अक्टूबर की रात 08 बजकर 34 मिनट पर लगेगा सूर्य ग्रहण 

  • सूर्य ग्रहण की अवधि 5 घंटे 51 मिनट की होगी

साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आज 14 अक्टूबर 2023 को लग रहा है. यह सूर्य ग्रहण वलयाकार में होगा, जिसमें सूर्य एक अंगूठी यानी रिंग के आकार में नजर आएगा. हालांकि ये ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण कहां-कहां दिखेगा और भारत पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा? 

सूर्य ग्रहण का समय
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण शनिवार, 14 अक्टूबर यानी आज रात 08 बजकर 34 मिनट पर लगेगा और रविवार, 15 अक्टूबर को देर रात 02 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगा. यानी ग्रहण की अवधि 5 घंटे 51 मिनट की होगी. ग्रहण समाप्त होते ही अगली सुबह शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो जाएंगे.

कहां-कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण 
आज लगने वाला साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. यह ग्रहण उत्तरी अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको, अर्जेटीना, कोलंबिया, क्यूबा, ब्राजील, पेरु और उरुग्वे जैसे देशों में दिखाई देगा. 

बना अनोखा संयोग
भारतीय समय के अनुसार रात को लगने वाले साल के दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण पर कई तरह के योग बन रहे हैं. आज आश्विन माह के कृष्ण पक्ष का अमावस्या तिथि है जिसे सर्वपितृ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. आज 15 दिनों तक चलने वाले पितृपक्ष का आखिरी दिन है फिर इसके अगले दिन से शारदीय नवरात्रि आरंभ हो जाएंगे. इसके अलावा आज सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य और बुध दोनों ही कन्या राशि में मौजूद में होंगे. जिस कारण से बुधादित्य योग का निर्माण हो रहा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान बना बुधादित्य योग की जातकों के लिए शुभ माना जा रहा है.

सूतक काल भारत में नहीं होगा मान्य 
सूर्य ग्रहण का सूतक काल तभी मान्य होता जब सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देता. क्योंकि भारत में सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा.

सूर्य ग्रहण का वैज्ञानिक कारण
सबसे पहले आपको सूर्य ग्रहण का वैज्ञानिक कारण बताते हैं. सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है. दरअसल सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा के आने से सूरज की रोशनी धरती तक नहीं पहुंच पाती जिसे सूर्य ग्रहण कहते हैं. इस वर्ष दो सूर्यग्रहण लगने थे. एक ग्रहण अप्रैल में लग चुका है और दूसरा 14 अक्टूबर को लगने जा रहा है.

सूर्य ग्रहण कितने तरह का होता है
सूर्य ग्रहण पूर्ण, आंशिक और वलयाकार तीन तरह होते हैं. पूर्ण सूर्य ग्रहण तब बनता है जब चन्द्रमा पृथ्वी के काफी नजदीक आज जाते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है. आंशिक सूर्य ग्रहण तब होता है जब चन्द्रमा सूर्य व पृथ्वी के बीच में इस प्रकार आए कि सूर्य का कुछ ही भाग पृथ्वी से दिखाई नहीं देता है, वहीं कंगन आकार में बनने वाले सूर्य ग्रहण को वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं.

सूर्यग्रहण के दौरान क्या करें
ग्रहण काल में भगवान श्री कृष्ण जी के नाम का स्मरण करते रहें. ग्रहण के पहले गर्भवती महिलाओं एवं अन्य जीव जन्तु और वस्तुओं पर गेरू डाल दें. पानी, भोजन आदि में तुसली दल डाल दें. ग्रहण के बाद स्नान आदि निवृत होकर यथा शक्ति दान भी कर सकते हैं.

सूर्य ग्रहण में बरतने वाली सावधानियां 
1. सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ भी खाना नहीं चाहिए.  
2. गर्भवती महिला और बुजुर्गों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. 
3. ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करके कुछ दान देने का संकल्प जरूर करें और किसी जरूरतमंद की मदद करें.
4. इस समय भगवान का जाप करना चाहिए.
5. इस काल में मांगलिक कार्य, पूजा पाठ नहीं करना चाहिए. 
6. ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को फल, सब्जी काटने एवं नुकीली वस्तु के प्रयोग से बचना चाहिए.
7. सूर्य ग्रहण के दौरान सोना अशुभ माना जाता है.

सूर्य ग्रहण पर राशि के अनुसार उपाय करने चाहिए
सूर्य ग्रहण का सूर्य और राहु से संबंध होता है और चंद्र ग्रहण का चंद्रमा और राहु से संबंध होता है. इसलिए इन दोनों ग्रहणों में दोनों से जुड़ी चीजों का दान करते हैं. सूर्य ग्रहण हो तो इसके होने से सूर्य से जुड़ी चीजों का दान करना चाहिए, जैसे गेंहू, गुड़ और तांबा किसी को दान में देना चाहिए. आपको बता दें कि सूर्य ग्रहण के होने से पितृदोष लगता है. इसलिए सूर्य ग्रहण पर राशि के अनुसार उपाय जरूर करने चाहिए, वरना पितृदोष कई पीढ़ियों तक प्रभावित कर सकता है. यदि कुंडली में सूर्य और राहु और सूर्य ग्रहण के दोषों को माना जाए तो इससे कई प्रकार की समस्याएं जीवन में आने लगती हैं.