भारत में साल का आखिरी सूर्य ग्रहण शुरू हो चुका है. भारत में ग्रहण 4 बजकर 19 मिनट से शुरू होकर सायंकाल 6 बजकर 9 मिनट पर खत्म होगा. सूर्य ग्रहण की अवधि 1 घंटे 45 मिनट तक होगी. आज का सूर्य ग्रहण यूरोप, नॉर्थ-ईस्ट अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और वेस्ट एशिया में दिखाई देगा. साल का ये अंतिम सूर्यग्रहण तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में लगेगा. मेष, मिथुन, कन्या, तुला, कुंभ और मीन राशि वालों पर इस ग्रहण का प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.
क्यों लगता है सूर्यग्रहण
पृथ्वी सूर्य के चारों ओर 365 दिनों में एक चक्कर लगाती है. चंद्रमा एक उपग्रह है और पृथ्वी के चारों ओर एक चक्कर लगाने में चंद्रमा को 27 दिन लगते हैं. चंद्रमा के चक्कर लगाने के दौरान कई बार चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, तो सूर्य की रोशनी धरती तक नहीं पहुंच पाती है. इसे ही सूर्यग्रहण कहा जाता है. अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण होता है.
खुली आंखों से ग्रहण देखते समय इन बातों का रखें ध्यान
जब पूर्ण ग्रहण में चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से अवरुद्ध कर देता है, तो सूर्य को सीधे देखना खतरनाक हो सकता है. सूर्य ग्रहण के दौरान नंगे आंखों से सूर्य को नहीं देखने की हिदायत दी जाती है क्योंकि सूर्य से आने वाली चमकदार किरणें रेटिना को नुकसान पहुंचा सकती हैं. सूर्य ग्रहण को देखने के लिए दूरबीन, पिनहोल कैमरा या कैमरा डिस्प्ले का उपयोग करना चाहिए. बच्चों को ग्रहण मत दिखाएं. सूर्य ग्रहण को धूप के चश्मे से भी नहीं देखना चाहिए. चंद्रमा सूर्य के अधिकतम हिस्सों को ढक दे तब भी इसे खाली आंखों से न देखें क्योंकि यह आंखों को स्थायी नुकसान पहुँचा सकता है, जिससे अंधापन हो सकता है.