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Om Shaped Shiva Temple: Rajasthan के Pali में दुनिया का पहला ओम आकार का मंदिर बनकर तैयार, जानिए कितना भव्य है ये मंदिर

राजस्थान के पाली में दुनिया का पहला ओम आकार का शिव मंदिर बना है. ये मंदिर 250 एकड़ में फैला है. इस मंदिर को बनाने में 28 साल का वक्त लगा है. मंदिर में करीब 1008 अलग-अलग शिव की प्रतिमाएं लगाई गई हैं. इस मंदिर के उद्घाटन का मुख्य कार्यक्रम 10 फरवरी को होगा. इस समारोह में 60 देशों से मेहमान जुटेंगे.

Om Shaped Shiva Temple Om Shaped Shiva Temple

राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के करीब एक महीने बाद देश को एक और विराट मंदिर मिलने जा रहा है. राजस्थान (Rajasthan) के पाली में बन रहा ये शिव मंदिर (Shiv Mandir) खुद में बेहद खास है. आसमान से देखने पर ये ओम (ॐ) की आकृति का नजर आता है. पूरा मंदिर लाल पत्थरों से बना है. ये मंदिर भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित है. यहां शिव के 1008 स्वरुपों के दर्शन होंगे. इस मंदिर का उद्घाटन 19 फरवरी को होगा. मंदिर के उद्घाटन समारोह में 60 देशों से मेहमान पहुंचेंगे.

विश्व का पहला ओम आकार का मंदिर-
पाली (Pali) शहर से 20 किमी दूरी पर जाडन में ये विशाल मंदिर बना है. इस मंदिर की कई खासियत है. सबसे पहले बता दें कि ये मंदिर ओम के आकार का है. ओम का निराकार स्वरूप धरती पर पहली बार राजस्थान में साकार हुआ है. यानी ओम आकृति का दुनिया का ये पहला शिव मंदिर (Om shaped Shiva Temple) है. ओम आकार में बना ये शिव मंदिर गुलाबी पत्थर से बनाया गया है. आपको आसमान से मंदिर परिसर ओम के आकार का दिखाई देता है.

गर्भगृह के सामने नंदी की प्रतिमा-
केवल आसमान से ही नहीं, बल्कि धरती से भी मंदिर की खूबसूरती देखते ही बन रही है. मंदिर में प्रवेश से पहले नंदी की प्रतिमा के दर्शन होते हैं. नंदी की ये प्रतिमा भी बेहद खास है. जिस तरह केदारनाथ में गर्भगृह के सामने नंदी बैठे हुए हैं, ठीक उसी तरह इस मंदिर में भी नंदी को गर्भग्रह के ठीक सामने बैठाया गया है. यहां से मंदिर के गर्भगृह की भव्यता को देखा और महसूस किया जा सकता है.

28 साल में बना है मंदिर-
इस मंदिर को बनने में 28 साल का वक्त लगा है. इसको बनाने की शुरुआत साल 1995 में हुई थी. इस मंदिर का वास्तु अद्भुत है. पाली के गांव जाडन में बना ओम आकृति वाला यह शिव मंदिर चार खंडों में बंटा है. एक पूरा फ्लोर जमीन के भीतर है. जबकि जमीन के ऊपर तीन मंजिले हैं. मंदिर के बीचों बीच स्वामी माधवानंद की समाधि है और उसके चारों ओर सप्त ऋषियों की मूर्तियां हैं.

नागर शैली में बना है मंदिर-
पाली में बन रहा ये शिव मंदिर अपनी भव्यता के लिए आने वाले वक्त में जगह बनाने जा रहा है. इस मंदिर में जैसे जैसे प्रवेश करेंगे, मंदिर की भव्यता आंखों में समाती चली जाएगी. मंदिर की ऐतिहासिक नक्काशी इस मंदिर की दूसरी खासियत है. मंदिर जितना विशाल है, उतनी ही इसकी नक्काशी सजीव है. मंदिर नागर शैली में बना है. और यहां की हर दीवार भगवान के स्वरुपों और भारतीय संस्कृति की गवाह नजर आती है.

मंदिर में 1008 शिव की प्रतिमाएं-
मंदिर में आकर्षण का केंद्र भगवान शिव की प्रतिमाएं भी हैं. मंदिर में करीब 1008 अलग-अलग शिव की प्रतिमाएं लगाई गई हैं. वहीं गर्भगृह में भगवान शिव की 108 मूर्तियां लगी हैं. जिनकी भव्यता ने गर्भगृह का दृश्य ही बदल दिया है. गर्भगृह की चारों दीवारों पर शिव प्रतिमा के भव्य स्वरुप की छटा निराली है. यहां आने वाले भक्तों को शिव का ऐसा संसार नजर आने वाला है, जो दुनिया में कहीं नहीं है.

एक शिवलिंग पर 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन-
पाली के इस शिव मंदिर में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग स्वरूप के दर्शन होंगे. शिवलिंग को इस तरह बनाया गया है कि 1 शिवलिंग पर 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन हो सकते हैं. यानी सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारेश्वर, भीमाशंकर, विश्वेश्वर, त्र्यंबकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर, घुष्मेश्वर ज्योतिर्लिंग के स्वरुप शामिल हैं. इन सभी के एक साथ का ये शिवलिंग बेहद अद्भुत है.

भव्य है मंदिर परिसर-
ओम आकार के ये मंदिर पूर्व से पश्चिम तक 185 मीटर और उत्तर से दक्षिण तक 252 मीटर क्षेत्र में फैला है. इसकी ऊंचाई 38.05 मीटर है. इसे गुलाबी पत्थरों से बनाया गया है. मंदिर परिसर में 108 कमरे हैं. मंदिर के आगे के हिस्से में एक सभागार है, जिसमें 108 कुर्सियां लगाई गई हैं. मंदिर के चंद्र बिंदु को 9 मंजिला कीर्ति स्तंभ का रूप दिया गया है. जिसकी ऊंचाई 42 मीटर है. इस मंदिर में अर्ध चंद्र को पानी की झील के तौर पर दर्शाया गया है. मंदिर में पानी की टंकी के ऊपर सूर्य मंदिर बनाया जाएगा. इस मंदिर में एक कृत्रिम पहाड़ और तालाब भी बनाए गए हैं.
 
उद्घाटन समारोह में जुटेंगे 60 देशों के मेहमान-
बताया जा रहा है कि इस मंदिर के उद्घाटन समारोह में 60 देशों से मेहमान पहुंचेंगे. मेहमानों के रहने के लिए आश्रम परिसर में 100 स्वीट होम तैयार किए गए हैं. मुख्य कार्यक्रम 19 जनवरी को होगा. जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम और पूजा-अर्चना की जाएगी.

(राजस्थान के पाली से भारत भूषण जोशी की रिपोर्ट)

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