तिरुमाला-तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ट्रस्ट बोर्ड की पहली मीटिंग में कई अहम फैसले लिए गए. अन्नामय्या भवन में हुई इस मीटिंग की अध्यक्षता बी राजगोपाल नायडू ने की. इस मीटिंग में भक्तों के लिए सेवाओं में सुधार और प्रशासनिक प्रैक्टिस को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए.
दो घंटे में होंगे दर्शन
लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए, बोर्ड भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन के लिए प्रतीक्षा समय को कम करने पर फोकस करेगा. इसके लिए बोर्ड ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल करने की मंशा जताई है. वर्तमान में पीक समय पर लोगों को दर्शन के लिए 20-30 घंटे तक इंतजार करना पड़ता है, बोर्ड का लक्ष्य इस इंतजार को सिर्फ 2-3 घंटे तक लाना है. तिरुपति दर्शन को दो घंटे में संभव बनाने के लिए कुछ जरूरी ऑपरेशनल और इंफ्रास्ट्रक्चरल बदलाव किए जाएंगे.
खत्म की जाएगी स्पेशल एंट्री दर्शन की केटेगरी
पर्यटन निगम कोटा के तहत स्पेशल एंट्री दर्शन (SED) केटेगरी को बंद करने का फैसला किया है. इससे आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु सहित विभिन्न राज्यों के पर्यटन निगमों पर भारी प्रभाव पड़ेगा. बोर्ड ने तिरुपति में श्रीनिवास सेतु फ्लाईओवर का नाम बदलकर उसके पुराने नाम गरुड़ वरधी करने का भी फैसला किया. तिरुपति शहर के भक्तों के पक्ष में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. जरूरी आदेश जारी होने के तुरंत बाद से शहर के भक्तों को हर महीने के पहले मंगलवार को दर्शन कराए जाएंगे.
साफ किया जाएगा मलबा
बोर्ड ने अधिकारियों को 3 से 4 महीने के भीतर तिरुमाला के डंपिंग यार्ड में जमा मलबे को साफ करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है. बोर्ड ने टीटीडी कर्मचारियों के लिए ब्रह्मोत्सव बहुमनम में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का संकल्प लिया क्योंकि उन्होंने इस साल के ब्रह्मोत्सवों के सुचारू संचालन में योगदान दिया था. नियमित कर्मचारियों को 15,400 रुपये मिलेंगे, जबकि आउटसोर्सिंग स्टाफ को 7,535 रुपये मिलेंगे.
टीवीएस के सहयोग से मंदिर की रसोई (पोटू) की मरम्मत और वेंगाम्बा अन्नप्रसादम परिसर के आधुनिकीकरण का काम किया जाएगा. दैनिक अन्नप्रसादम मेनू में एक नई स्वादिष्ट रेसिपी भी पेश की जाएगी. बोर्ड ने फैसला किया है कि तिरुमाला में गैर-हिंदूओं को नौकरी देने या न देने के सवाल पर राज्य सरकार को पत्र लिखा जाएगा. तिरुपति की पवित्रता बनाए रखने के लिए, तिरुपति में राजनीतिक बयान देने या प्रचार करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.