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Ravi Pushya Yoga 2023: आज है साल का पहला रवि पुष्य योग, पूरे दिन कर सकते हैं खरीदारी, जानें और किन-किन कार्यों के लिए शुभ है दिन ?

साल का पहला पुष्य नक्षत्र आज है. रविवार को होने के कारण रवि पुष्य संयोग बन रहा है. इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहा है इसलिए खरीदारी और नई शुरुआत के लिए पूरा दिन शुभ है.

सूर्यदेव सूर्यदेव
हाइलाइट्स
  • रवि पुष्य योग में नया बिजनेस और नौकरी की शुरुआत करना फलदायी 

  • इस दिन मंदिर में दीपक अवश्य जलाना चाहिए, गाय को गुड़ खिलाने से आर्थिक लाभ होता है

8 जनवरी 2023 को इस साल का पहला रवि पुष्य योग है. रविवार और पुष्य योग के संयोग को भारतीय ज्योतिष परंपरा में सबसे अच्छा मुहूर्त बताया गया है. इस नक्षत्र को देवताओं के द्वारा पूजा जाने वाला कहा गया है. इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहा है इसलिए खरीदारी और नई शुरुआत के लिए पूरा दिन शुभ है. ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि इस संयोग में किए गए कामों में सफलता मिलनी लगभग तय होती है इसलिए ऐसे ही संयोग में खरीदारी, लेन-देन, निवेश के साथ ही नौकरी और बिजनेस में नई शुरुआत करना फायदेमंद माना जाता है.

2023 में पांच बार रवि पुष्य योग बनेगा
रविवार को पुष्य नक्षत्र के साथ ही सर्वार्थसिद्धि, बुधादित्य और श्रीवत्स योग रहेंगे. चंद्रमा पर बृहस्पति की दृष्टि पड़ने से गजकेसरी योग का फल भी मिलेगा. सितारों के इस शुभ संयोग में किए गए कामों में सफलता और फायदा मिलने की संभावना और बढ़ जाएगी. पुष्य संयोग सुबह तकरीबन 7 बजे शुरू होगा और अगले दिन सुबह 6 बजे तक रहेगा. 2023 में पांच बार रवि पुष्य और दो बार गुरु पुष्य का संयोग बनेगा. इस तरह पूरे साल में पुष्य नक्षत्र से कुल 7 बड़े शुभ मुहूर्त बनेंगे.

पुष्य नक्षत्र को शास्त्रों में अमरेज्य भी कहते हैं
पुष्य नक्षत्र को शास्त्रों में अमरेज्य भी कहते हैं. यानी वो नक्षत्र जो जीवन में स्थिरता और अमरता लाता है. इसका स्वामी शनि होता है लेकिन प्रकृति गुरु के जैसी होती है. जब भी गुरुवार को पुष्य नक्षत्र पड़ता है तो इससे बनने वाला गुरु पुष्य योग सुख-समृद्धि और सफलता देने वाला होता है. वहीं, रविवार को पुष्य नक्षत्र होने से रवि पुष्य संयोग बनता है. इस नक्षत्र में किए गए कामों में स्थायित्व का भाव होता है. पुष्य नक्षत्र में ऐसे काम करने चाहिए जो लंबे समय तक चले, जिसमें बदलाव करने की इच्छा न हो.

इनकी करें खरीदारी
पुष्य नक्षत्र में की गई खरीदी समृद्धि देने वाली होती है. इस नक्षत्र की धातु सोना है इसलिए इस योग में सोना और सोने के आभूषण खरीदने से समृद्धि बनी रहती है. गुरु पुष्य नक्षत्र में रियल एस्टेट के साथ ही भूमि, भवन, वाहन और अन्य स्थायी संपत्ति में किया गया निवेश लंबे समय तक फायदा देता है. इस दिन चांदी, कपड़ा, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक चीजों की खरीदी भी शुभ रहती है. इस शुभ योग में खरीदा गया व्हीकल कई दिनों तक चलता है और उससे फायदा मिलता है. शुभ संयोग में नया बिजनेस और नौकरी की शुरुआत करना भी फलदायी माना गया है.

इस योग में विवाह नहीं किया जाता है
वैदिक ज्योतिष के अनुसार सभी 27 नक्षत्रों में 8वें स्थान पर पुष्य नक्षत्र आता है. यह बहुत ही शुभ नक्षत्र माना गया है. जब यह नक्षत्र रविवार के दिन आता है, तो वार और नक्षत्र के संयोग से जो योग बनता है, उसे रवि पुष्य योग कहते हैं. किसी भी शुभ कार्यों के लिए यह योग सबसे अच्छा माना जाता है। मुहूर्त हो या नहीं, नक्षत्रों की स्थिति प्रतिकूल हो या अनुकूल हो. इस योग में किया गया कार्य बहुत ही लाभप्रद माना जाता है. इस योग में विवाह नहीं किया जाता है.