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शिरडी के साईं मंदिर को एक साल में मिला 400 करोड़ का चंदा, जानिए कौन से हैं देश के 10 सबसे अमीर मंदिर

भारत धार्मिकताओं का देश है. देशभर में 5 लाख से ज्यादा मंदिर हैं. इन मंदिरों में हर साल करोड़ों का चंदा चढ़ाया जाता है. बीते साल शिरडी के साई मंदिर में 400 करोड़ का चंदा चढ़ाया गया है. चलिए आपको ऐसे 10 मंदिरों के बारे में बताते हैं, जिन्हें देश के सबसे अमीर मंदिरों की श्रेणी में रखा जाता है.

Shirdi Shirdi
हाइलाइट्स
  • पद्मनाभस्वामी मंदिर है सबसे अमीर मंदिर

  • तिरुपति बालाजी मंदिर में 650 करोड़ का चंदा चढ़ता है

पूरे देश में 5 लाख से ज्यादा मंदिर हैं. जिनमें कई अत्याधिक आस्था और चमत्कार के प्रतीक भी हैं. किसी मनोकामना के पूरे होने पर या किसी मुराद के पूरी होने के लिए लाखों श्रद्धालु दान या चढ़ावा अर्पण करते हैं. जिसकी वजह से देश के मशहूर मंदिरों को लाखों रुपए. सोने-चांदी के आभूषण मिलते हैं।यही वजह है कि शिरडी साईं बाबा मंदिर के अलावा भी कई मंदिरों को साल भर में कई सौ करोड़ रुपये के दान में मिल जाते हैं. जिनमें रुपये के अलावा हीरे-सोने और चांदी के आभूषण भी शामिल होते हैं. शिरडी साईं बाबा मंदिर को मिले 400 करोड़ जैसे दान के दम पर ही हिंदुओं के आस्था के बड़े केंद्रों में शामिल ये मंदिर देश के 10 सबसे ज्यादा अमीर मंदिरों में शामिल है.  
 
देश के सबसे अमीर मंदिर
 
पद्मनाभस्वामी मंदिर
पद्मनाभस्वामी मंदिर को देश का सबसे अमीर मंदिर कहा जाता है. जो भारत के केरल के तिरुवनंतपुरम शहर में मौजूद है. इस मंदिर की देखभाल त्रावणकोर का पूर्व शाही परिवार करता है.  इसके खजाने में हीरे, सोने के गहने और सोने की मूर्तियां शामिल हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर की 6 तिजोरियों में कुल 20 अरब डॉलर यानी 1 लाख 65 हजार करोड़ की दौलत बंद होने के अनुमान है। इस मंदिर में 1 जनवरी 2021 से 30 दिसंबर 2021 से दान पात्र में 833 करोड़ आए हैं.
 
तिरुपति बालाजी मंदिर
अमीर मंदिरों की सूची में दूसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश का तिरुपति मंदिर है. भारत में वैष्णव संप्रदाय का मंदिर, तिरुपति, दान के मामले में दुनिया का सबसे अमीर मंदिर है. इस मंदिर की वास्तुकला देखने लायक है. भक्त यहां हर साल लगभग 650 करोड़ रुपये दान के रूप में देते हैं.
 
वैष्णो देवी मंदिर
जम्मू का वैष्णो देवी मंदिर का नाम देश के सबसे अमीर मंदिरों की लिस्ट में चौथे नंबर पर है. ट्रैवल गाइड टूर माई इंडिया के अनुसार, हर साल इस मंदिर से करीब ₹500 करोड़ रुपये का चढ़ावा यानी दान चढ़ाया जाता है. 
 
शिरडी साईं बाबा मंदिर
इसी सूची में पांचवें नंबर पर शिरडी साईं बाबा मंदिर है. रिपोर्टों के अनुसार, मंदिर के पास 380 किलो सोना, 4,428 किलो चांदी है. जबकि बैंक खातों में करीब 1,800 करोड़ रुपये हैं. 2017 में रामनवमी के अवसर पर एक अज्ञात भक्त ने 12 किलो सोना तक दान कर दिया था. 2021 तक यहां हर साल लगभग 350 करोड़ का दान आता रहा है. जो साल 2022 के अंत तक बढ़कर 400 करोड़ से ज्यादा हो गया.
 
सबरीमाला अयप्पा मंदिर, केरल
सबरीमाला अयप्पा मंदिर भी देश के अमीर मंदिरों की सूची में शामिल है. प्रशासन के मुताबिक यात्रा सीजन में इस मंदिर को करीब 230 करोड़ रुपये की कमाई हो जाती है.
 
सिद्धिविनायक मंदिर
मुंबई का सिद्धिविनायक मंदिर भगवान गणेश का बेहद प्रसिद्ध मंदिर है. यहां हर साल फिल्मी हस्तियों से लेकर आम लोग तक आते हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो हर साल यहां करीब 125 करोड़ रुपये का चढ़ावा चढ़ाया जाता है. जिसकी वजह से ये देश के 10 सबसे अमीर मंदिरों में शामिल हैं.
 
मीनाक्षी मंदिर, मदुरै
मदुरै का मीनाक्षी मंदिर देश के उन चंद मंदिरों में शामिल है जहां रोजाना 20 से 30 हजार भक्त दर्शन के लिए आते हैं. मंदिर में सालाना करीब 6 करोड़ रुपये का चढ़ावा आता है.
 
काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी
इसके बाद वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर देश के सबसे प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है. यहां हर साल 30 लाख से अधिक घरेलू और 2 लाख विदेशी पर्यटक इस मंदिर में पहुंचते हैं. इस मंदिर में सालाना 4 से 5 करोड़ रुपये का चढ़ावा आता है.
 
जगन्नाथ मंदिर, पुरी
मीनाक्षी मंदिर के बाद पुरी में जगन्नाथ मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है. यहां ना केवल देश बल्कि दुनिया के कोने-कोने से भक्त पहुंचते हैं. यही वजह है कि दान भी ज्यादा चढ़ाया जाता है. जगन्नाथ मंदिर में करीब 2 करोड़ से ज्यादा का चढ़ावा चढ़ाया जाता है.
 
सोमनाथ मंदिर, गुजरात
जगन्नाथ मंदिर के बाद अगला नंबर गुजरात के सोमनाथ मंदिर का है. सोमनाथ मंदिर को गुजरात में एक समृद्ध मंदिर के तौर पर गिना जाता है. ये भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों मंदिरों में से एक है. सोमनाथ में हर साल करोड़ों को चढ़ावा आता है. 
 
धार्मिक स्थलों के दान को लेकर क्या हैं नियम
हालांकि धार्मिक स्थलों के बेहतर संचालन के लिए दान को लेकर कुछ नियम भी बने हुए हैं. जिन मंदिरों का संचालन सरकार के हाथ में है उनका पैसा मंदिर के अलावा देश के विकास योजनाओं में भी इस्तेमाल किया जाता है. करेंट टैक्स रूल को देखें तो धर्मार्थ या फिर धार्मिक ट्रस्टों की संपत्ति से होने वाली आय कुछ शर्तों के साथ कर-मुक्त भी होती है. देश के करीब 5 लाख मंदिरों में से लगभग 4 लाख मंदिर सरकारी नियंत्रण में हैं.