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सौहार्द्र का संदेश ! दो मुस्लिम भाई कर रहे अमरनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों की सेवा, बुजुर्गों और दिव्यांगों का बन रहे सहारा

Amarnath Yatra 2022 : इरशाद अपने भाई शमशाद के साथ बालटाल आधार शिविर में अमरनाथ यात्रियों की सेवा कर रहे हैं. दोनों ही मिलकर यहां लोगों का सहारा बन रहे हैं.

दो मुस्लिम भाई कर रहे अमरनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों की सेवा दो मुस्लिम भाई कर रहे अमरनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों की सेवा
हाइलाइट्स
  • दो मुस्लिम भाई बन रहे तीर्थयात्रियों का सहारा

कानपुर के दो मुस्लिम भाई धर्म और आस्था की सीमाओं से परे भाईचारे के प्रतीक के रूप में सांप्रदायिक सद्भाव का संदेश दे रहे हैं. दोनों ही बालटाल आधार शिविर में अमरनाथ यात्रियों की सेवा में लगे हुए हैं, जहां वे यात्रा शुरू होने से बहुत पहले पहुंचे थे. यहां ये दोनों ही बुजुर्गों और दिव्यांगों का सहारा बन रहे हैं. 

अमरनाथ तीर्थ पर जाने वाले तीर्थयात्रियों की सेवा करने के इरादे से इरशाद और शमशाद दोनों भाई मिलकर यहां लोगों को मदद का हाथ दे रहे हैं. दोनों ही यूपी के कानपुर के रहने वाले हैं. इन्होंने कानपुर कैंट के बीजेपी विधायक रघुनंदन भदौरिया के नेतृत्व में कानपुर की शिव सेवक समिति से संपर्क किया और स्वेच्छा से अमरनाथ यात्रा पर लोगों की मदद के लिए पहुंचे. 

भक्तों की सेवा कर रहे दोनों भाई

दरअसल, शिव सेवक समिति एक ऐसी संस्था है, जो हर साल अमरनाथ भक्तों के लिए लंगर और अन्य सुविधाओं का सामान लेती है. समिति बालटाल में अपना शिविर लगाती है और लंगर में भक्तों की सेवा करती है. समिति के महासचिव शीलू वर्मा ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस बार समिति के प्रतिनिधिमंडल ने वरिष्ठ नागरिकों को गुफा मंदिर के करीब पहुंचने में मदद करने के लिए पांच ई-रिक्शा भी लिए हैं. 

इस साल जब समिति बालटाल में शिविर और लंगर के लिए माल भेज रही थी तभी एक लोडर चालक इरशाद उनके पास पहुंचा और बालटाल जाने की इच्छा जताई. इरशाद अपने भाई शमशाद के साथ लोडर पर कानपुर से बालटाल तक न्यूनतम शुल्क पर माल ले गया. बालटाल पहुंचने पर इरशाद और शमशाद ने शिव सेवा समिति के अन्य सदस्यों के साथ रहने और भक्तों की सेवा करने का फैसला किया. 

दोनों भाइयों को मिला है सेवादार कार्ड

दोनों पहले भगवान शिव के दर्शन के लिए मंदिर गए और फिर आधार शिविर में भक्तों की सेवा शुरू की. शिविर में अपने लोडर के साथ, दोनों भाई तीर्थ के मार्ग की कठिनाइयों को कम करने के लिए बाराडी रोड पर 2.5 किमी तक भक्तों को फेरी लगाने के लिए ई-रिक्शा चला रहे हैं. सेवा समिति के सूत्रों के अनुसार, यहां तक ​​कि श्राइन बोर्ड ने भी उनकी सेवाओं को स्वीकार करते हुए, दोनों भाइयों को 'सेवादार' कार्ड जारी किया है. 

बरडी रोड से आगे वह भक्तों को ज्ञान गिरी आश्रम के माध्यम से गुफा मार्ग को पार करने में भी मदद करते हैं. यहां तक ​​कि वे वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों को भी पीठ पर बिठाकर गंतव्य तक ले जाते हैं. वे हर दिन कम से कम 180-200 भक्तों को मंदिर तक पहुंचाने में मदद करते हैं. 

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