

प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है. भले ही 13 जनवरी से इसकी शुरुआत हो लेकिन कुंभ क्षेत्र में आपको तरह-तरह के साधु-संत मिल जाएंगे. हर साधु का रूप-रंग अलग ही होता है और सभी भगवान की भक्ति में लीन होते हैं. कई बार कुछ अनोखे लोग आपको दिख जाएं तो आप भी सोच में पड़ जाते होंगे कि आखिर इन्होंने ऐसा वेष क्यों धारण किया है लेकिन उसके वेशभूषा के पीछे कुछ ना कुछ कहानी जरूर होती है, ऐसे ही एक साधु हैं, जिन्हें अनाज वाले बाबा कहा जा रहा है. ये पर्यावरण को लेकर बहुत चिंतित है, इसलिए सभी को पर्यावरण के प्रति जागरुक करते हैं लेकिन इनका अंदाज बिल्कुल अनोखा है.
हठयोगी हैं अनाज वाले बाबा
अनाज वाले बाबा का नाम वैसे तो अमरजीत है. वो मारकुंडी सोनभद्र के रहने वाले हैं. वे हठयोगी हैं और हठयोग वो विश्व शांति, विश्व कल्याण के लिए कर रहे हैं. अनाज वाले बाबा ने अपने सिर पर जौ, गेहूं, बाजरा, चना जैसे फसलों को उगा रखा है. जिसकी वजह से उन्हें दर्द भी होता है लेकिन उनका कहना है कि पर्यावरण को बचाने के लिए वो किसी भी हद तक जा सकते हैं.
बाबा कहते हैं कि यह फसल मौनी अमावस्या के दिन तैयार होगी और इसी में से वो लोगों को प्रसाद बाटेंगे, बाबा कहते हैं जो इस प्रसाद को पाएगा वह धन्य हो जाएगा. इससे पहले इस मंगलवार को वह चने की फसल तैयार होने पर चने का प्रसाद लोगों को देंगे.
अनाज वाले बाबा को देखकर हर कोई हैरान
अनाज वाले बाबा को देखकर हर कोई हैरान है. इतना ही नहीं कुंभ में आए लोग उनके साथ फोटो भी खिंचाने के लिए लाइन लगाकर खड़े हैं. बाबा भी खुशी से सबको अपने इस संकल्प के बारे में बताते हैं और लोगों से अपील करते हैं कि वह भी हरियाली के प्रति लोगों को जागरूक करें और पेड़ पौधों को ना काटे, क्योंकि देश के सभी लोगों के लिए पर्यावरण बहुत जरूरी जागरूकता भी फैलाते हैं.
-आनंद राज की रिपोर्ट