बिहार में विशेष रूप से मनाया जाने वाला छठ पूजा, सूर्य उपासना का पर्व है जो लोगों का प्रकृति के प्रति समर्पण भाव को दर्शाता है. यहाँ के लोग जहां कहीं भी गए अपनी संस्कृति भी साथ लेते गए. यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिसमें उगते और अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. पूरी दुनिया को सूर्य का महत्व बताना ही इस महान पर्व का लक्ष्य है.
15 परिवार एकसाथ छठी मैया का व्रत रखेंगे
इस वर्ष पहली बार इंग्लैंड में बिहार कनेक्ट यूके ग्रुप द्वारा बड़े स्तर पर छठ का आयोजन किया जा रहा है, जिससे सभी प्रवासी बिहारी अपने इस महापर्व का मिलजुल कर आनंद ले सकें. इसमें 15 परिवार एकसाथ छठी मैया का व्रत रखेंगे. आयोजकों द्वारा सभी व्रतियों के लिए एक रिसॉर्ट में रहने का प्रबंध किया गया है और जो श्रद्धालु इस पर्व को देखने आ रहे हैं, उनके लिए आस-पास के होटल बुक किए गए हैं.
पूजा की अधिकतम सामग्री भारत से मंगवाई जा रही है. पूजा में कोई अर्चन नहीं आए. इसके लिए बहुत सारे स्वयंसेवी इन तीनों दिन उपलब्ध रहेंगे. ये सभी स्वयंसेवी व्रत का प्रसाद बनाने से लेकर श्रद्धालुओं के सफल आवा-गमन को संचालित करेंगे. संध्या अर्घ्य के दिन हज़ारों की संख्या में ठेकुआ बनाने का प्रबंध किया जा रहा है, जिसे इंग्लैंड में रहने वाले सभी बिहार वासियों के घर प्रसाद स्वरूप भेजा जाएगा, ताकि वे देश से बाहर रहकर भी अपने आप को इस महापर्व का भाग समझ सके.