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काशी में गर्मी के सितम से भगवान भी नहीं अछूते, मंदिरों में लगे AC और कूलर

उत्तर भारत में तापमान लगातार बढ़ रहा है और गर्मी से लोगों के हाल-बेहाल हैं. शिव की नगरी वाराणसी में गर्मी के चलते अनोखा नजारा देखने को मिल रहा है. यहां लोगों के घरों में ही नहीं बल्कि मंदिरों में भगवान के लिए भी एसी, कूलर शुरू कर दिए गए हैं.  

AC, Coolers for God in Kashi AC, Coolers for God in Kashi

गर्मी का सितम वाराणसी में सातवें आसमान पर है और लगातार बढ़ता जा रहा है जिससे लोगों का जीना दूभर हो चुका है. इंसान तो इंसान अब भगवान भी गर्मी के सितम से नहीं बच पा रहे हैं इसीलिए काशी के मंदिरों में एसी और कूलर सक्रिय हो गए हैं. वाराणसी में तापमान 44 डिग्री सेंटीग्रेड से भी ऊपर तक पहुंच चुका है और अगले कुछ दिनों तक कोई राहत की उम्मीद दिखाई नहीं पड़ रही है.

गर्मी के सितम से न केवल इंसान, बल्कि भगवान भी परेशान हो रहे हैं. यकीन नहीं होता तो आप काशी के मंदिरों में नजर दौड़ा लीजिए. जहां गर्भगृह में एयर कंडीशनर और कूलर दिख जाएंगे. मंदिरों के शहर काशी में ऐसा तब दिखाई पड़ता है जब पारा पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए आगे बढ़ने लगता है. इसी मई के महीने में बढ़ते तापमान ने पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. 

पहनाए गए सूती कपड़े 
वाराणसी के लोहटिया इलाके के राम जानकी मंदिर के पुजारी देवेंद्र नाथ चौबे बताते हैं कि इस बार की भीषण गर्मी ने पुराने सभी रिकार्ड को तोड़ दिया है. जिससे बचाव के लिए उन्हें अपने यहां मंदिर में भगवान के लिए कूलर की व्यवस्था करनी पड़ रही है और जहां तक मौसम विभाग की माने तो अभी अगले कुछ दिनों तक राहत की उम्मीद दिखाई नहीं पड़ रही है. गर्मी से बचाव के लिए भगवान को सूती वस्त्र पहनाए गए हैं और तो और उनको प्रसाद भोग में भी मौसमी फल लगाया जाता है. 

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प्रसिद्ध बड़ा गणेश मंदिर के पुजारी राजेश तिवारी ने बताया कि बेतहाशा गर्मी से हर कोई परेशान है. भगवान गणेश जी के लिए भी एयर कंडीशनर चालू कर दिया गया है. ऐसा नहीं है कि भगवान गर्मी से परेशान है लेकिन प्रतीक स्वरूप ऐसा हर वर्ष ज्यादा गर्मी के वक्त किया जाता है. भगवान गणेश के वस्त्र में भी सूती वस्त्रों का प्रयोग किया जाता है.

इसके अलावा मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए कूलर, छाव और पेयजल की भी व्यवस्था की गई है. तो वहीं स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं की माने तो इस बार की गर्मी पिछले वर्षों की तुलना में काफी ज्यादा है. जिससे बचाव के लिए तमाम उपाय करके घर से निकलते हैं तो वहीं भगवान भी मनुष्य स्वरूप में है. इसलिए भावना की भक्ति के तहत उनके लिए भी सारे इंतजाम करने पड़ते हैं.