Baba Vishwanath: वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में अब मंगला आरती के लिए श्रद्धालुओं को सिर्फ ऑनलाइन टिकट मिलेगा. मंगला आरती में टिकटों में गड़बडी की शिकायत पर मंदिर प्रशासन ने आन द स्पॉट और विंडो टिकट की व्यवस्था को 10 दिसंबर 2023 से समाप्त कर दिया है. विंडो टिकट अब विशेष परिस्थितियों में 24 घंटे पहले ही जारी किया जाएगा.
मंगला आरती को देखने के लिए करना होगा इंतजार
काशी विश्वनाथ मंदिर में यदि आप अभी मंगला आरती देखने के इच्छुक हैं तो आपको एक महीने तक इंतजार करना होगा. क्योंकि, दिसंबर की शुरुआत के साथ ही नए साल को लेकर बनारस में आने वाली भीड़ और अयोध्या के राम मंदिर में होने वाले विशेष कार्यक्रम को लेकर बनारस में मंगला आरती के टिकट बिक चुके हैं. लगभग 1 महीने के लिए एडवांस बुकिंग के तौर पर मंगला आरती के टिकट बिक चुके हैं.
विश्वनाथ मंदिर की वेबसाइट से बुक करा सकते हैं टिकट
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा का कहना है कि ऑन द स्पॉट विंडो टिकट की खरीदारी में गड़बड़ी की सूचना आई थी. टिकट महंगे बेचे जाने की शिकायत के बाद यह निर्णय लिया गया है. अब मुख्य कार्यपालक अधिकारी के कार्यालय से परमिशन के बाद ही मंगला आरती के टिकट प्रोटोकॉल के तहत 24 घंटे पहले सिंगल विंडो जारी हो सकेंगे.
बाकी ऑनलाइन टिकट उपलब्ध हैं. जो कोई लेना चाहे, वह विश्वनाथ मंदिर की वेबसाइट shrikashivishwanath.org से बुक कर सकता है. मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी का कहना है कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में पहले प्रोटोकॉल या वीआईपी के अनुसार मंगला आरती का टिकट ऑन द स्पॉट मिल जाता था. एक दिन पहले टिकट काउंटर से टिकट लिया जाता था. लेकिन, अब किसी भी प्रोटोकॉल के लिए 24 घंटे पहले ही सूचना देनी होगी. इससे धांधली की संभावनाएं नहीं होगी. श्री काशी विश्वनाथ की मंगला आरती में भक्त बाबा को जगाते हैं. इसमें दो सौ की संख्या में भक्त शामिल हो सकते हैं.
मंदिर में होती हैं अलग-अलग आरतियां
भगवान विश्वेश्वर का दर्शन करने के साथ ही भक्त बाबा के आरती में भी शामिल होना चाहते हैं. काशी पुराधिपति की पांच दैनिक आरती होती है. द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रधान ज्योतिर्लिंग काशी विश्वनाथ के दिन की शुरुआत बाबा को जगाने के साथ भोर के मंगला आरती से होती है. दोपहर में भोग आरती, संध्या को सप्तऋषि आरती और उसके बाद शृंगार भोग आरती होती है. रात्रि में महादेव के शयन के समय शयन आरती होती है, जिसमें टिकट बिक्री नहीं होती है.
ब्रह्म मुहूर्त में बाबा रहते हैं विराजमान
मान्यता है कि भगवान श्री विश्वेश्वर अरुणोदय के समय ब्रह्म मुहूर्त में खुद मंदिर में विराजमान रहते हैं. मंगल बेला में मंगला आरती के समय भगवान को जगाया जाता है. मंदिरों में होने वाली आरती विशेष फलदायी होती है. आरती में शामिल होने से भक्तों में ऊर्जा का संचार होता है. यही वजह है कि इस विशेष मंगला आरती का हिस्सा बनने के लिए लोगों में जबरदस्त उत्सुकता रहती है और इसकी प्री बुकिंग करके लोग कई महीने पहले से ही टिकट भी हासिल कर लेते हैं.