तुलसी का पौधा हमेशा से धार्मिक आस्था का केंद्र रहा है. आमतौर पर हर पूजा पाठ में तुलसी के पवित्र पौधे की पत्तियों का उपयोग किया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार तुलसी मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है इसलिए इसे खास स्थान दिया गया है. शास्त्रों के मुताबिक भगवान विष्णु तुलसी जी की बात कभी नहीं टालते हैं. कहा जाता है कि अगर तुलसी मां प्रसन्न हो जाएं तो सभी प्रकार की आर्थिक समस्या दूर हो जाती है. चूंकि तुलसी पूजन का इतना महत्व है इसलिए इससे जुड़े कुछ खास नियम भी हैं जिनका पालन करना जरूरी है. आइए जानते हैं.
इस दिन ना तोड़ें तुलसी के पत्ते
शास्त्रों के मुताबिक रविवार, एकादशी, सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के वक्त तुलसी की पत्तियों को नहीं तोड़ना चाहिए. इसके अलावा जरूरत न होने पर बेवजह तुलसी के पत्ते तोड़ने से दोष लगता है और मां लक्ष्मी भी नाराज हो जाती हैं.
तुलसी के नीचे दीया जलाएं
शाम के समय तुलसी के नीचे दीया जलाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. साथ ही उनकी कृपा से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है. घर के आंगन में तुलसी का पौधा लगाने से वास्तु दोष खत्म हो जाते हैं. वास्तु शास्त्र के मुताबिक तुलसी का पौधा नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर देता है, जिससे मन शांत बना रहता है. इतना ही नहीं, तुलसी का पौधा परिवार को बुरी नजर से भी बचाता है.
विषम संख्या में लगाएं तुलसी
अगर आपके यहां तुलसी के एक से ज्यादा पौधे लगे हैं तो ध्यान रखें कि ये विषम संख्या यानी 3, 5, 7 के आधार पर हों. इसके अलावा तुलसी के पौधे को कैक्टस जैसे पौधे या किसी भी प्रकार की खुरदरी या कांटेदार प्रजाति के पास नहीं रखना चाहिए.
घर में सूखा हुआ तुलसी का पौधा नहीं रखना चाहिए
घर में अगर तुलसी का पौधा सूख गया है तो उसे किसी पवित्र नदी या तालाब में प्रवाहित कर देना चाहिए. सूखा हुआ तुलसी का पौधा लगाने के बाद तुरंत नया पौधा नहीं लगाना चाहिए.
समय-समय पर करें सफाई
आपको हर 15 दिन में एक बार तुलसी के पौधे की सफाई करनी चाहिए. पौधे में कीटनाशक छिड़क कर मिट्टी को भी खोदते रहना चाहिए. ऐसा करने से आपका तुलसी का पौधा हमेशा स्वस्थ्य रहता है.