घर बनवाते समय वास्तु के नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है. कहा जाता है कि अगर घर वास्तु के हिसाब से न बना हो तो यह आपको नुकसान पहुंचा सकता है और आपकी सुख-शांति में बाधा बन सकता है. वहीं वास्तु में सीढ़ियों के निर्माण के लिए भी कुछ विशेष नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करके आप अपने घर की खुशहाली और समृद्धि को बनाये रख सकते हैं.
कहा जाता है कि घर की सीढ़ियां सफलता के रास्ते खोलती हैं. वास्तु के अनुसार सीढ़ियां बनवाने से घर से ना सिर्फ नेगेटिव एनर्जी बाहर चली जाती है बल्कि आपकी कामयाबी का रास्ता भी खुल जाता है. कई लोग अक्सर घर का कबाड़ या एक्सट्रा सामान सीढ़ियों के नीचे इकट्ठा कर देते हैं जोकि सही नहीं है. सीढ़ियों को लेकर वास्तु में कुछ महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं, आइए जानते हैं.
क्या होना चाहिए सीढ़ियों का शुभ अंक?
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की उत्तर से दक्षिण दिशा में या पूर्व से पश्चिम दिशा में सीढ़ियों का निर्माण करवाना चाहिए. शुभ फल प्राप्त करने के लिए सीढ़ियों को हमेशा विषम संख्या में रखना चाहिए. इसे बेहद शुभ माना जाता है.
घर की इस दिशा में बनवाएं सीढ़ियां
वास्तु शास्त्र के अनुसार सीढ़ियां बनवाते समय विशेष तौर पर दिशा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. वास्तु के अनुसार घर की सीढ़ियां नैऋत्य कोण में होनी चाहिए. ये दिशा सीढ़ियों के लिए सबसे उत्तम होती है. वहीं, दक्षिण दिशा, पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर की सीढ़ियों को भी उत्तम माना गया है. इसके अलावा घर की सीढ़िया चौड़ी होनी चाहिए, ये धन-वैभव का भी कारक होती हैं.
सीढ़ियों के नीचे न रखें जूते चप्पल
वास्तु के अनुसार सीढ़ियों के नीचे जूते-चप्पल की अलमारी या फिर गहने पैसे की अलमारी नहीं बनानी चाहिए. इससे व्यक्ति को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है.
पूजा घर या बाथरूम
बहुत से लोग सीढ़ियों के नीचे की जगह को बाथरूम या पूजा घर के तौर पर इस्तेमाल करते हैं. लेकिन वास्तु के अनुसार सीढ़ी के नीचे इन्हें बनवाना सही नहीं है. ऐसा करने से घर में सुख-शांति का अभाव होता है. कई लोग सीढ़ियों के नीचे के स्थान को स्टोर रूम की तरह इस्तेमाल करते हैं लेकिन ये सब वास्तु दोष में आता है.