6 जून को शनि जयंती के साथ-साथ वट सावित्री व्रत भी मनाया जाएगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दोनों का काफी महत्व है. इस दिन महासंयोग भी बन रहा है और यही वजह है कि 12 राशियों पर इसका प्रभाव भी पड़ेगा. हिन्दू परंपरा में स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए तमाम व्रत का पालन करती हैं. वट सावित्री व्रत सौभाग्य प्राप्ति के लिए एक बड़ा व्रत माना जाता है. यह ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को मनाया जाता है. वहीं शनि देव की जयंती ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को मनाई जाती है. माना जाता है कि इसी दिन शनि देव का प्राकट्य हुआ था. इस दिन शनि संबंधी उपाय करने से विशेष लाभ होता है. इस दिन के उपाय संध्या काल में शुद्ध होकर करने चाहिए. इस बार शनि जयंती 6 जून को है.
पूजा उपासना के नियम
शनि जयंती पर संध्याकाल में पूजा करना विशेष शुभ होता है. शनि जयंती पर संध्याकाल में स्नान करें. इसके बाद शनिदेव का स्मरण करके पश्चिम दिशा की ओर चेहरा करके बैठें. फिर शनिदेव के मंत्र या उनके स्तोत्र का पाठ करें. इसके बाद पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. किसी निर्धन को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें. इस दिन सात्विक आहार ही ग्रहण करें, चाहें तो इस दिन उपवास भी रख सकते हैं.
शनि जयंती पर राशि अनुसार क्या उपाय करें ?
मेष - इस समय शनि आपकी आर्थिक स्थिति को ठीक बनाये रखेंगे. जीवन की तमाम बाधाएं दूर होती जायेंगी. करियर का मामला भी उत्तम बना रहेगा. इस समय आपके लिये विवाह और संतान के योग भी बने हुये हैं. शनि जयंती पर शनि मंत्र का जाप करना लाभकारी होगा.
वृष - इस समय शनि लाभकारी तो हैं, पर मेहनत ज्यादा रहेगी. करियर में बड़ा परिवर्तन और नयी शुरुआत हो सकती है. स्वास्थ्य की समस्याओं पर थोड़ा ध्यान रखना होगा. रिश्तों पर ध्यान रखना होगा, स्वभाव थोड़ा ठीक करना होगा. शनि जयंती पर पीपल के नीचे दीपक जलाएं, वृक्ष की परिक्रमा करें.
मिथुन - इस समय शनि के कारण करियर में बड़े परिवर्तन का समय है. पिता के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा. हालांकि संतान पक्ष की उन्नति के योग बन रहे हैं. वैवाहिक और पारिवारिक जीवन का विशेष ध्यान रखना होगा शनि जयंती पर निर्धनों को अन्न या भोजन का दान करें.
कर्क- इस समय शनि के कारण जीवन में संघर्ष बढ़ा हुआ है. स्वास्थ्य और मन की समस्याएं परेशान कर रही हैं. आगे करियर में थोड़ा लाभ होगा, रुकावट दूर होगी. संतान और विवाह के मामले थोड़ी बाधा के साथ हल हो सकते हैं. शनि जयंती पर अधिक से अधिक शनि मंत्र का जप करें.
सिंह - इस समय शनि के कारण बहुत सारे परिवर्तन हो सकते हैं. करियर और स्थान में परिवर्तन की स्थिति बनी हुई है. वैवाहिक जीवन में बिखराव और तनाव की स्थिति बन रही है. मानसिक स्थिति और अवसाद का बहुत ध्यान रखना होगा. शनि जयंती पर पीपल के नीचे दीपक जलाएं, तेल का दान करें.
कन्या- इस समय शनि जीवन की तमाम रुकावटें दूर कर रहे हैं. स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति में सुधार होता जा रहा है. करियर में बदलाव हो सकता है. विदेश या दूर स्थान से लाभ के योग भी हैं . शनि जयंती पर अन्न या वस्त्र का दान करें.
तुला - इस समय जीवन में संघर्ष बढ़ा हुआ है. स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति में उतार चढ़ाव है. संतान और विवाह के योग तो हैं परन्तु सावधानी रखनी होगी. शनि के कारण धन की स्थिति संतोषजनक बनी रहेगी. शनि जयंती पर शनि मंत्र का अधिक से अधिक जप करें.
वृश्चिक- इस समय जीवन में बड़े सारे बदलाव हो रहे हैं. आकस्मिक स्थान परिवर्तन हो सकता है. हालांकि जीवन में सेटलमेंट भी हो सकता है. वाहन और संपत्ति लाभ के योग बने हुए हैं. शनि जयंती पर अन्न और वस्त्र का दान करें.
धनु- शनि की कृपा से इस समय करियर में बड़ी सफलता मिलेगी. जीवन में बड़ी सफलता और प्रतिष्ठा का लाभ मिलेगा. स्थान परिवर्तन और विदेश यात्रा के लिये तैयार रहें. प्रयास करने पर जीवन की रुकावटें दूर हो जाएंगी. शनि जयंती पर निर्धनों को अन्न या भोजन का दान करें.
मकर - शनि के कारण इस समय बहुत सावधानियां रखनी होंगी. करियर के मामले में कोई भी रिस्क न लें. स्वास्थ्य के मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही न करें. इस समय शांति और धैर्य से चलना ही लाभकारी होगा. शनि जयंती पर अधिक से अधिक शनि मंत्र का जप करें.
कुंभ - इस समय शनि के कारण आप जीवन में बड़े बदलाव करेंगे. जीवन व्यवस्थित होगा, सुधार की स्थिति बनेगी. परन्तु स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति पर ध्यान बनाए रखना होगा. करियर के मामले में किसी भी तरह का जोखिम न लें. शनि जयंती पर पीपल के नीचे दीपक जलाएं, वृक्ष की परिक्रमा करें.
मीन- इस समय शनि के कारण जीवन धीमी गति से चल रहा है. हालांकि करियर और धन की स्थिति संतोषजनक बनी हुयी है. वैवाहिक जीवन में ईमानदारी बनाये रखनी होगी. इस समय शनि के कारण करियर की पूरी दिशा बदल सकती है. शनि जयंती पर अन्न और वस्त्र का दान करें.