scorecardresearch

Vrindavan Widows Holi: वृंदावन में विधवा माताओं ने तोड़ी परंपराओं की दीवार, होली के रंगों में डूबीं

सुलभ इंटरनेशनल संस्था ने इस आयोजन का नेतृत्व किया और विधवा माताओं के जीवन में रंगों की खुशबू बिखेर दी. संस्था ने गोपीनाथ मंदिर में फूल और गुलाल की होली का विशेष आयोजन किया, जिसमें विधवा माताओं ने अपने कान्हा के साथ फूल और अबीर गुलाल बरसाकर उन्हें होली रस से सरपूर कर दिया.

विधवा होली विधवा होली

वृंदावन के बांके बिहारी धाम में इस बार होली का त्यौहार हमेशा खास रहता है. इसी मौके पास इस साल सुलभ इंटरनेशनल संस्था ने विधवा माताओं के लिए होली का विशेष आयोजन किया, जिससे उनकी जिंदगी में रंगों की बहार आई. यह आयोजन सैकड़ों साल पुरानी परंपराओं की दीवार तोड़कर किया गया, जिसमें विधवा माताओं ने भी होली के रंगों में डूबकर अपनी जिंदगी को रंगीन बना लिया.

सुलभ इंटरनेशनल संस्था का योगदान

सुलभ इंटरनेशनल संस्था ने इस आयोजन का नेतृत्व किया और विधवा माताओं के जीवन में रंगों की खुशबू बिखेर दी. संस्था ने गोपीनाथ मंदिर में फूल और गुलाल की होली का विशेष आयोजन किया, जिसमें विधवा माताओं ने अपने कान्हा के साथ फूल और अबीर गुलाल बरसाकर उन्हें होली रस से सरपूर कर दिया. संस्था के इस कदम ने समाज को एक नई दिशा दी है और विधवा माताओं के जीवन में खुशियों का रंग भर दिया है.

सम्बंधित ख़बरें

विधवा माताओं की प्रतिक्रिया

विधवा माताओं ने इस आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपनी खुशी जाहिर की. एक विधवा माता ने कहा, "रसोदा को मने. सात. साल से होली खेल रही हूँ. मुझे परंपरा पुरानी परंपरा चली आ रही है कि विधवा ने होली खेलना नहीं है. विधवा ने कुछ भी करना नहीं है, इसलिए हम कृष्णा भगवान के पास राधा रानी के पास आए. राधा कृष्णा होली खेलते. से ऐसे ही हमारे पात्रता हम उसके साथ खेलते हैं."

समाज के लिए संदेश

इस आयोजन ने समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि विधवा माताओं को घर से निकालना और उन्हें आश्रम में रहने के लिए मजबूर करना गलत है. एक अन्य विधवा माता ने कहा, "ये समाज के लिए एक. मैं कहूंगी एक तरह से उदधरण है कि अपनी माताओं को अपनी बहनों को जो विदवाओ हो गई, उनको घर से न निकालें. उनको ऐसा द्रष्ट न करें कि उनको आश्रम में रहना पड़े."

होली का असल रंग

इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि होली का असल रंग वही है जो उन लोगों के जीवन में खुशियों का रंग भर दे जिनके जीवन में रंग की खुशबू कहीं खो गई है. मदन गोपाल शर्मा ने वृंदावन से रिपोर्ट करते हुए कहा, "होली का असल रंग यही तो है जिनके जीवन में रंग की खुशबू कहीं खो गई है. उनके जीवन में भी कान्हा के प्रेम में रंग बिखेरने की खुशबू दिख रही है."

इस प्रकार, वृंदावन में इस बार की होली ने विधवा माताओं के जीवन में रंगों की बहार ला दी और समाज को एक नई दिशा दी.