
पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर के दीघा में जगन्नाथ मंदिर में आज यानी 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन देवताओं की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा होगी. उद्घाटन के बाद लेजर शो और डायनेमिक लाइट शो का आयोजन होगा. जगन्नाथ मंदिर के उद्घाटन के लिए दीघा की सड़कों को सजाया गया है. दीवारों को नीले और सफेद रंग में रंगा गया है.
20 एकड़ में है दीघा मंदिर-
दीघा रेलवे स्टेशन के पास 20 एकड़ जमीन पर जगन्नाथ मंदिर का निर्माण किया गया है. इस मंदिर की ऊंचाई 213 फीट है. इसके निर्माण में राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से लाए गए गुलाबी बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया है. इस मंदिर को पारंपरिक कलिंग वास्तुकला शैली में बनाया गया है.
हर साल रथयात्रा का आयोजन-
पुरी के जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर दीघा मंदिर में भी हर साल रथयात्रा आयोजित करने की योजना है. दीघा मंदिर में पहली बार रथयात्रा का आयोजन जून में हो सकता है. इसके लिए तैयारी चल रही है. इसके लिए रथ बना लिए गए हैं.
दीघा में जगन्नाथ मंदिर के निर्माण का ऐलान साल 2018 में किया गया था. इसके बाद साल 2022 में मंदिर के निर्माण का काम शुरू किया गया था. दीघा मंदिर का निर्माण जगन्नाथधाम का विकास हाउसिंग इफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने किया है. इस मंदिर के निर्माण में 250 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. इस मंदिर का पूरा मैनेजमेंट इस्कॉन के हवाले है.
दीघा मंदिर में क्या है खास-
ओडिशा के पुरी के जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर इस मंदिर का निर्माण 20 एकड़ में किया गया है. पुरी का जगन्नाथ मंदिर 12वीं सदी में बनाया गया था. दीघा के जगन्नाथ मंदिर को राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है.
पुरी के मंदिर की तरह दीघा के मंदिर में भी चार मंडप बनाए गए हैं. इनके नाम विमान, जगमोहन, नट मंदिर और भोग मंडप रखा गया है. दीघा मंदिर में भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की मूर्तियां रखी गई हैं.
दीघा मंदिर में चारों तरफ एंट्री गेट बने हैं. मुख्य द्वार से एंट्री के बाद अरुण स्तंभ है. इसके बाद सिंह द्वार और इसके ठीक सामने व्याघ्र द्वार है. हर दरवाजे को शंख, चक्र और कमल से सजाया गया है. दीघा मंदिर पर भी जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर हर शाम झंडा फहराया जाएगा.
ये भी पढ़ें: