scorecardresearch

Meen Sankranti 2022: इस दिन है मीन संक्रांति, एक माह तक नहीं होंगे ये काम, जानिए क्या करें और क्या न करें

हिन्दू कैलेंडर का साल मीन संक्रांति के साथ ही समाप्त होता है. इस साल सूर्य 15 मार्च को मीन राशि में प्रवेश कर रहे हैं. सूर्य का किसी राशी में प्रवेश संक्रांति कहलाता है. जब सूर्य मीन राशी में प्रवेश करते हैं तो इसे मीन संक्रांति कहा जाता है. इस समय ज्योतिषीय कारणों से शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं अतः इसे मीन मलमास (खरमास) भी कहते हैं.

Representative Image Representative Image
हाइलाइट्स
  • 15 मार्च को मीन राशि में प्रवेश करेंगे सूर्यदेव

  • 15 मार्च से 14 अप्रैल तक रहेगा मीन मलमास

हिंदू धर्म में मीन संक्रांति का बहुत ज्यादा महत्व है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, सूर्यदेव क्रमश: 12 राशियों में प्रवेश करते हैं और एक माह तक रहते हैं. यह क्रम मेष राशि से शुरू होकर मीन राशि पर समाप्त होता है. इस साल 14-15 मार्च की मध्यरात्रि को सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेंगे. 

बता दें कि हिन्दू कैलेंडर का साल मीन संक्रांति के साथ ही समाप्त होता है. इस साल सूर्य 15 मार्च को मीन राशि में प्रवेश कर रहे हैं. सूर्य का किसी राशी में प्रवेश संक्रांति कहलाता है. जब सूर्य मीन राशी में प्रवेश करते हैं तो इसे मीन संक्रांति कहा जाता है.

इस समय ज्योतिषीय कारणों से शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं अतः इसे मीन मलमास (खरमास) भी कहते हैं. इस बार मीन मलमास 15 मार्च से 14 अप्रैल तक रहेगा. 

मीन संक्रांति का पुण्यकाल:

सूर्य 15 मार्च को मीन राशि में प्रवेश कर रहे हैं. इस मीन संक्रांति का पुण्यकाल सुबह सूर्योदय से शुरू होकर सुबह 8 बजकर 16 मिनट तक रहेगा. संक्रांति के दौरान नदियों में स्नान-दान का महत्व होता है. इसका कई गुना पुण्य प्राप्त होता है. 

मीन संक्रांति के दिन क्या करें: 

मीन संक्रान्ति के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करना चाहिए. इस दिन अगर आप नदी स्नान कर सकते हैं तो बहुत ही अच्छा है. वरना अपने नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. इसके बाद सूर्य देवता को अर्घ्य देकर उनका पूजन करें. 

सूर्य पूजन के बाद तिल, वस्त्र और अनाज का दान करना चाहिए है. गाय को चारा खिलाना चाहिए. इस दिन स्नान और दान करने से ग्रह दोष और रोग भी दूर होते हैं, सूर्य देव की कृपा से आरोग्य प्राप्त होता है. 

क्या न करें: 

मीन राशि बृहस्पति की जलीय राशि है और इसमें सूर्य का प्रवेश विशेष परिणाम पैदा करता है. बता दें कि मीन संक्रांति के बाद एक महीने के लिए मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. ऐसे में कुछ कामों को नहीं करना चाहिए. जैसे इस समय विवाह न करें. 

माना जाता है कि खरमास में अगर विवाह किया जाए तो जीवन में कई तरह की परेशानियां आती हैं. इससे न तो भावनात्मक सुख मिलता है और न ही शारीरिक सुख. इस समय कोई नया बिजनेस भी शुरू नहीं करना चाहिए. माना जाता है कि इस माह में शुरू किया गया बिज़नेस फलता नहीं है.