
भाद्रपद महीने की शुभकारी अजा एकादशी को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है.कहा जाता है कि एकादशी का व्रत रखने से शारीरिक, मानसिक और आर्थिक तीनों ही प्रकार के लाभ मिलते हैं. एकादशी का व्रत श्रीहरि विष्णु की कृपा पाने का सबसे आसान और अचूक मंत्र है.क्योंकि एकादशी व्रत लक्ष्मीपति विष्णु को बहुत प्रिय है. इस बार अजा एकादशी 23 अगस्त को है.
क्या है एकादशी की महिमा ?
व्रतों में प्रमुख व्रत नवरात्रि, पूर्णिमा, अमावस्या और एकादशी हैं. उसमें भी सबसे बड़ा व्रत एकादशी का माना जाता है. चन्द्रमा की स्थिति के कारण व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक स्थिति ख़राब और अच्छी होती है. ऐसी दशा में एकादशी व्रत से चन्द्रमा के हर ख़राब प्रभाव को रोका जा सकता है. ग्रहों के असर को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है. एकादशी व्रत का सीधा प्रभाव मन और शरीर , दोनों पर पड़ता है. एकादशी के व्रत से अशुभ संस्कारों को भी नष्ट किया जा सकता है.
ये एकादशी क्यों है इतनी महत्वपूर्ण?
हर माह का एकादशी व्रत, उपवास मानसिक और शारीरिक स्थिति के लिए विशेष समझा जाता है. इस तिथि को स्नान, दान और ध्यान से हर समस्या पर विजय पायी जा सकती है. भाद्रपद कृष्ण एकादशी को अजा एकादशी कहा जाता है. इस तिथि को उपवास और स्नान से शारीरिक समस्याएँ दूर होती हैं. विशेष दान से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
अजा एकादशी पर क्या करें दान?
ज्योतिषी कहते हैं एकादशी पर दान और स्नान से पुण्य फल कई गुना बढ़ जाता है. किसी को कुछ दान देने से जो पुण्यफल मिलता है, उसको धन से तौला नहीं जा सकता. जब आप एक हाथ से किसी को कुछ देते हैं, तो आपके दूसरे हाथ में भगवान आपको कुछ लौटाते भी हैं और भगवान की दी हुई वो चीज आपके दान से कहीं बड़ी और अनमोल होती है.
विशेष मनोकामनाओं के लिए दान
मान्यता है कि अजा एकादशी के दिन हर समस्या का समाधान किया जा सकता है. विशेषकर अगर आप संतान से जुड़ी किसी समस्या से परेशान हैं तो अजा एकादशी पर ये उपाय करें.
संतान की समस्या दूर करने के उपाय
एकादशी के दिन सुबह स्नान करके पीले वस्त्र धारण करें, फिर श्रीहरि विष्णु की पूजा- उपासना करके उन्हें पीले फूलों की माला अर्पित करें. श्रीहरि के किसी भी मंत्र का जाप करें और समस्या से मुक्ति की प्रार्थना करें. अजा एकादशी के दिन ऐसा करने से संतान से जुड़ी हर समस्या दूर होगी.
अजा एकादशी का व्रत रखने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति तो होती ही है. तन, मन और विचारों की शुद्धता भी आती है और अगर साथ में कुछ विशेष मंत्रों का जाप कर लें तो मंगल ही मंगल होगा.
अजा एकादशी के कल्याणकारी मंत्र
उपेन्द्राय नमः, ॐ नमो नारायणाय
मंगलम भगवान विष्णु, मंगलम गरुणध्वजः।
मंगलम पुण्डरीकाक्ष, मंगलाय तनोहरिः।।
अजा एकादशी के दिन इन विशेष मंत्रों का जाप करके आप भगवान विष्णु की विशेष कृपा पा सकते हैं. गहन ध्यान और मंत्रों के जाप के लिए मध्य रात्रि का समय सबसे उत्तम माना गया है, लेकिन अजा एकादशी के दिन श्रीहरि के मंत्रों का जाप आप कभी भी कर सकते हैं.