हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जितिया व्रत रखा जाता है. इसे जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika Vrat)भी कहा जाता है. इस दिन को महिलाएं अपनी संतान की सुरक्षा और उसके सुखी जीवन के लिए रखती हैं जोकि निर्जला व्रत होता है. इस साल व्रत की तारीख को लेकर थोड़ी कन्फ्यूजन की स्थिति बन रही है कि 6 या 7 अक्टूबर किस दिन व्रत रखा जाएगा.
क्या है तिथि?
पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर 6 अक्टूबर के दिन जितिया व्रत रखा जाएगा. अष्टमी तिथि 6 बजकर 34 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 7 अक्टूबर सुबह 8 बजकर 8 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. 6 अक्टूबर के दिन जितिया व्रत रखा जाएगा. वहीं, नहाय खाय 5 अक्टूबर से शुरू हो जाएगा.
क्या है पूजा विधि?
इस व्रत की शुरुआत नहाय खाय के साथ एक दिन पहले होती है. अगले दिन सूर्योदय पर पारण होता है. इस दिन कई जगह शाम को घर को गाय के गोबर से लीपा जाता है. गाय के गोबर से लीपकर सियारिन और चील बनाए जाते हैं और इसके पश्चात प्रतिमा पर लाल सिंदूर से टीका लगाते हैं. भगवान के समक्ष धूप, दीप, फल और फूल आदि अर्पित किए जाते हैं. पूजा के बाद भगवान जीमूतवाहन और जितिया व्रत की कथा सुनी जाती है. अगले दिन स्नान आदि के बाद पारण करके व्रत पूरा होता है.
कैसे करें पारण?
जितिया व्रत पूरे तीन दिन का होता है. पहले दिन नहाय-खाय और दूसरे दिन निर्जला व्रत रखा जाता है. तीसरे दिन ब्रह्मामुहूर्त में उठकर स्नानादि करने और पूजा-पाठ करने के बाद व्रत का पारण करें.
(गुड न्यूज टुडे चैनल को WhatsApp पर फॉलो करें )