सकट चौथ ऐसा व्रत है, जिसे संतान की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए रखा जाता है. हिंदू पंचांग के मुताबिक हर साल माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन सकट चौथ मनाया जाता है. इस दिन व्रत रखने की परंपरा है. इसे सकट चौथ के अलावा संकष्टी चतुर्थी, तिलकुट, माघ चतुर्थी भी कहते हैं. मान्यता है कि सकट चौथ के दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा करने से सभी कष्टों का अंत होता है. संतान के जीवन में आने वाली सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं. पौराणिक कथाओं के मुताबिक सकट चौथ का व्रत माता पार्वती ने कार्तिकेय से मिलने और भगवान शंकर ने माता पार्वती को खुश करने के लिए किया था. चलिए आपको साल 2023 के पहले सकट चौथ की तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में.
कब है सकट चौथ-
माघ माह का कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ व्रत रखा जाता है. इस साल सकट चौथ 10 जनवरी 2023 को पड़ रहा है. 10 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 9 मिनट से शुरू होगा और अगले दिन यानी 11 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 31 मिनट इसका समापन होगा. वैसे तो सकट चौथ के लिए उदया तिथि 11 जनवरी को प्राप्त हो रही है. लेकिन सकट चौथ पर चंद्रमा की पूजा का खास विधान है, इसलिए व्रत 10 जनवरी को ही किया जाएगा. सकट चौथ पर चंद्रोदय का समय रात 8 बजकर 50 मिनट पर है. इस समय चंद्रमा का दर्शन करना वर्जित माना जाता है. इसलिए चांद देखने से बचना चाहिए.
सकट चौथ की पूजा विधि-
सकट चौथ संतान की उम्र और खुशहाल जीवन के लिए रखा जाता है. इसलिए इसको पूरे विधि-विधान से करना चाहिए. चलिए आपको बताते हैं कि इस व्रत का ज्यादा से ज्यादा लाभ कैसे उठाया जा सकता है. किस विधान से पूजा करने से भगवान की कृपा सबसे ज्यादा होगी.
पूजा में क्या नहीं करना चाहिए-
भगवान गणेश की पूजा में तुलसी के पत्ते का भूलकर भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. एक कथा के मुताबिक तुलसी ने गणेश की तपस्या भंग की थी. जिसके बाद भगवान ने तुलसी को अपनी पूजा में शामिल नहीं करने का श्राप दिया था. व्रती महिलाओं को काले रंग का कपड़ा नहीं पहनना चाहिए. व्रती महिलाओं को कंदमूल वाले फल या सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए.
सकट चौथ व्रत का महत्व-
सकट चौथ पर भगवान गणेश की पूजा का विधान है. माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सबसे ज्यादा लाभ होता है. व्रत करने वाले भगवान की कृपा हमेशा बनी रहती है. एक पौराणिक कथा के मुताबिक इसी दिन भगवान गणेश ने भगवान शंकर और माता पार्वती की परिक्रमा की थी. सकट चौथ का व्रत रखने से संतान के लिए फलदायी होता है. संतान के सारे दुख खत्म हो जाते हैं. संतान को लंबी उम्र मिलती है. तनाव, नकारात्मकता, तनाव और बीमारियों से संतान को छुटकारा मिलता है. संतान पक्ष से माता को शुभ समाचार मिलता है. इस दिन व्रत करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है.
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