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Eid Ul Fitr 2024: भारत के बाकी राज्यों से पहले ईद क्यों मना लेता है Jammu-Kashmir, Kerala, चांद का खेल जानकर हो जाएंगे हैरान

कई लोग अटकलें लगाते हैं कि केरल सऊदी अरब का कैलेंडर फॉलो करता है, जबकि कुछ लोगों का मानना है कि केरल में शाफई इस्लामिक कानून मानने वाले लोग बाकी भारत से अलग रहना चाहते हैं. लेकिन मौलवियों ने इन सभी धारणाओं को झूठा बताया.

Jammu & Kashmir celebrated Eid-Ul-Fitr on Wednesday (Photo/PTI) Jammu & Kashmir celebrated Eid-Ul-Fitr on Wednesday (Photo/PTI)
हाइलाइट्स
  • भारत के अधिकतर राज्यों में 11 अप्रैल को ईद

  • चांद देखकर मनाई जाती है ईद-उल-फित्र

अगर आप दिल्ली या उत्तर भारत के किसी अन्य राज्य में रहते हैं तो आप 11 अप्रैल को ईद-उल-फित्र (Eid Ul Fitr) का त्योहार मनाएंगे. 10 अप्रैल की रात मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी-अपनी छतों पर जाकर चांद ढूंढने की कोशिश करेंगे. लेकिन जम्मू कश्मीर और लद्दाख में रहने वाले लोगों ने 10 अप्रैल को ही ईद मना ली है.

सिर्फ यही नहीं, बल्कि केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में भी बुधवार को ही ईद-उल-फित्र का त्योहार मना लिया गया है. आखिर क्या कारण है कि देश के कुछ राज्य बाकी राज्यों से पहले ईद मना लेते हैं? इसे समझने के लिए हमें पहले ईद के त्योहार को समझना होगा.

चांद का है सारा खेल
इस्लामिक महीने दरअसल चांद की स्थिति पर निर्भर करते हैं. कोई भी इस्लामिक महीना नया चांद (New Moon) दिखने के बाद ही शुरू होता है. एक इस्लामिक महीने में 29 दिन होंगे या 30, यह चांद दिखने पर ही निर्धारित होता है. भौगोलिक रूप से (Geographically) यह संभव है कि देश के एक हिस्से में चांद दूसरे हिस्सों से पहले निकल आए.

जम्मू-कश्मीर, केरल और तमिलनाडु भारत के बाकी राज्यों से अलग हैं क्योंकि यहां चांद अपना चक्र एक रात पहले पूरा कर लेता है. सिर्फ ये राज्य ही नहीं, बल्कि सऊदी अरब, कतर, बहरीन और बाकी खाड़ी देशों में भी चांद एक दिन पहले अपना चक्र पूरा कर लेता है और वहां ईद भारत से एक दिन पहले मनाई जाती है. 

'हम नहीं करते सऊदी को फॉलो'
इसी कारण केरल और अन्य राज्यों में रमजान का महीना भी बाकी भारत से पहले आता है. कई लोग अटकलें लगाते हैं कि केरल सऊदी अरब का कैलेंडर फॉलो करता है, जबकि कुछ लोगों का मानना है कि केरल में शाफई इस्लामिक कानून मानने वाले लोग बाकी भारत से अलग रहना चाहते हैं. लेकिन मौलवियों ने इन सभी धारणाओं को झूठा बताया.

कोच्चि स्थित मौलाना फजलुर रहमान ने कहा, "केरल में शेष भारत से पहले ईद मनाने के पीछे का कारण पूरी तरह से भौगोलिक है. सऊदी अरब के प्रति कोई निष्ठा नहीं है. हम उनके चंद्र कैलेंडर को फॉलो नहीं करते. एक तटीय राज्य होने के कारण केरल में चंद्र कैलेंडर के 29वें दिन चांद नजर आ जाता है. और हां, कभी-कभी तारीख सऊदी अरब से मेल खाती है.

सुन्नी दावत-ए-इस्लाम से जुड़े मौलाना फखरुल काजी ने भी सऊदी अरब के चंद्र कैलेंडर के अनुसार केरल के दावों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, “यह बिल्कुल गलत है. चाहे वह रमजान हो या शव्वाल (आगामी इस्लामी महीना), हम चांद को देखते हैं, न कि सऊदी अरब को. अगर चांद दिख जाता है तो हम अगले महीने का स्वागत करते हैं.” 

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11 अप्रैल को ईद होना तय
चांद के कारण ही जम्मू-कश्मीर के लोगों ने बुधवार को ईद का त्योहार मनाया. नेशनल कांग्रेस (एनसी) के अध्यक्ष उमर अब्दुल्लाह और उनके पिता फारूक अब्दुल्लाह सहित कई लोगों ने श्रीनगर की मशहूर हजरतबल मस्जिद में ईद-उल-फित्र की नमाज अदा की. भारत के अन्य राज्यों के लोगों का अब 11 अप्रैल को ईद मनाना तय है क्योंकि रमजान के 30 दिन पूरे हो चुके हैं.