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Ashadh Month 2022: हिंदू धर्म में आषाढ़ माह का क्यों विशेष महत्व है, इस महीने में कौन से खास त्योहार आते हैं, जानिए

Ashadh Month: 15 जून से आषाढ़ का महीना शुरू हो रहा है. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो तमाम पर्व और त्योहारों के कारण आषाढ़ के महीने का महत्व कई गुना बढ़ जाता है. इस महीने भगवान जगन्नाथ, देवी शक्ति, श्रीहिर विष्णु, सूर्य और मंगल की विशेष उपासना होती है.

हिंदू धर्म में क्यों खास है आषाढ़ का महीना हिंदू धर्म में क्यों खास है आषाढ़ का महीना
हाइलाइट्स
  • 15 जून से शुरू हो रहा है आषाढ़ मास

  • 13 जुलाई तक रहेगा आषाढ़ मास

कहते हैं कि इस महीने में देवी-देवताओं की कृपा से हर मनोकामना पूरी हो जाती है. हिन्दू पंचांग का चौथा महीना आषाढ़ का महीना है. यह संधि काल का महीना है, इसी महीने से वर्षा ऋतु की शुरुआत होती है. इस महीने में रोगों का संक्रमण सर्वाधिक होता है. इस महीने से वातावरण में थोड़ी सी नमी आनी शुरू हो जाती है. इस महीने को कामना पूर्ति का महीना भी कहा जाता है. इस बार आषाढ़ मास 15 जून से 13 जुलाई तक रहेगा.

आषाढ़ माह के व्रत और पर्व-
कहते हैं पूजा उपासना से शक्ति से हर कष्ट से मुक्ति मिल सकती है. सच्चे मन और पूर्ण श्रृद्धा से अगर जप तप किया जाए. तो सभी मनोकामनाओं की पूर्ति हो सकती है. लेकिन आषाढ़ माह में कौन कौन से व्रत और पर्व आते हैं. चलिए अब आपको ये बताते हैं...

  • आषाढ़ मास के पहले दिन खड़ाऊं, छाता, नमक और आंवले का दान किसी ब्राह्मण को करें
  • इसी महीने में श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा भी निकाली जाती है
  •  इस महीने में सूर्य और देवी की भी उपासना की जाती है 
  • इस महीने में तंत्र और शक्ति उपासना के लिए "गुप्त नवरात्रि" भी मनाई जाती है
  • इसी महीने से श्री हरि विष्णु शयन के लिए चले जाते हैं 
  • अगले चार माह तक शुभ कार्यों की वर्जना रहती है 
  • आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का महान उत्सव भी मनाया जाता है  

आषाढ का महीना बड़ा ही पावन और पवित्र माना गया है. इस महीने की पूजा उपासना से देवी देवताओं की विशेष कृपा साधक पर बनी रहती है. कहते हैं आषाढ़ के महीने में जप, तप, पूजा उपासना और स्नान दान का बड़ा ही महत्व है. इसीलिए इस महीने को ज्योतिष में भी बहुत खास माना गया है.

पूजा-उपासना से होगा कल्याण-
जानकारों की अगर मानें तो आषाढ़ के महीने में की गई उपासना कभी निष्फल नहीं होती. लेकिन सवाल ये कि आषाढ़ के महीने में किन किन देवी देवताओं की उपासना मंगलकारी होती है. तो चलिए आपको भी बता देते हैं. 

  • आषाढ़ के महीने में सबसे ज्यादा फलदायी उपासना गुरु की होती है 
  • आषाढ़ में  देवी की उपासना भी शुभ फल देती है 
  • श्री हरि विष्णु की उपासना से भी संतान प्राप्ति का वरदान मिलता है 
  • आषाढ़ में जल देव की उपासना से धन की प्राप्ति सरल हो जाती है 
  • मंगल और सूर्य की उपासना आषाढ़ में अवश्य करें, ताकि ऊर्जा का स्तर बना रहे 

आध्यात्मिक मान्यता है कि सच्चे मन और सच्ची आस्था से आषाढ़ के महीने में ईश्वर की उपासना की जाए. तो सभी कष्टों से आपको मुक्ति मिल सकती है. क्योंकि ये पूरा ही महीना दैवीय कृपा से भरपूर रहता है. इस बार आषाढ़ का महीना बुधवार से शुरू हो रहा है और इस बार महीने के पहले दिन ही भगवान सूर्य अपनी राशि परिवर्तन कर रहे हैं.

आषाढ़ कृष्ण पक्ष के त्योहार-
भगवान विष्णु को समर्पित इस महीने में ध्यान योग साधना का विशेष महत्व है. इसीलिए अब आपको बताते हैं कि आने वाले 30 दिनों में आपको दैवीय कृपा पाने के लिए कौन कौन सी महत्वपूर्ण तिथियां मिलने वाली हैं. जिन पर मनाया जाएगा मुख्य पर्व और त्योहार. 

  • 17 जून शुक्रवार को गणेश संकष्टी व्रत किया जाएगा
  • 20 जून सोमवार को मासिक कालाष्टमी की तिथि पड़ेगी
  • 24 जून शुक्रवार को योगिनी एकादशी का व्रत किया जाएगा
  • 26 जून रविवार को प्रदोष व्रत किया जाएगा
  • 27 जून सोमवार को रोहिणी व्रत की तिथि है
  • 27 जून सोमवारको ही मासिक शिवरात्रि भी है
  • 29 जून बुधवर को आषाढ़ अमावस्या की तिथि रहेगी

आषाढ़ शुक्ल पक्ष के त्योहार-
आषाढ़ के कृष्ण पक्ष की तिथियों के बाद ही आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से ही माता दुर्गा की उपासना का गुप्त नवरात्र शुरू होगा. गुप्त नवरात्र को सिद्धियां प्राप्त करने के लिए उपासना का सबसे उत्तम समय माना गया है. हिंदू कैलेंडर में साल में जागृत नवरात्र और दो गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा की उपासना का विधान बताया गया है. 

  • 30 जून गुरुवार को गुप्त नवरात्र प्रतिपदा पर घट स्थापना होगी
  • 1 जुलाई शुक्रवार को जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाएगी
  • 9 जुलाई को गौरी व्रत किया जाएगा
  • 10 जुलाई रविवार को देवशयनी एकादशी का व्रत किया जाएगा
  • 11 जुलाई सोमवार को सोम प्रदोष का व्रत होगा
  • 13 जुलाई बुधवार को गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी

आषाढ़ महीने की महिमा बताते हुए धर्म शास्त्र इस माह को कामना पूर्ति का माह कहते हैं, क्योंकि इस महीने में भगवान विष्णु के साथ साथ भगवान सूर्य, भगवान शिव के साथ साथ गुरू का भी सानिध्य मिलता है. और इसी महीने में देव चार महीने के शयन के लिए चले जाते हैं. ऐसे में देवों के शयन से पहले उनसे वरदान पाने का ये सबसे अहम पड़ाव होता है.

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