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MahaShivratri 2022: जब व्रत रखने की इजाजत ...तो शिवलिंग छूने के लिए महिलाओं को क्यों किया जाता है मना?

Maha Shivratri 2022: एक मार्च को शिवरात्रि का त्योहार है. हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्री मनाई जाती है. इस दिन भोलनाथ को प्रसन्न करने के लिए लोग विधि-विधान से पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं. माना जाता है कि इस दिन पूरे मन से पूजा पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और भोलेनाथ की असीम कृपा मिलती है. एक तरफ जहां ये कहा जाता है कि शिव जी का व्रत रखने से कुंवारी कन्याओं को मनभावन पति मिलता है.

Why womens don't worship Shivling Why womens don't worship Shivling
हाइलाइट्स
  • मां पार्वती हो जाती हैं नाराज़

  • पुरुषों को करनी चाहिए शिवलिंग की पूजा

एक मार्च को शिवरात्रि का त्योहार है. हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्री मनाई जाती है. इस दिन भोलनाथ को प्रसन्न करने के लिए लोग विधि-विधान से पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं. माना जाता है कि इस दिन पूरे मन से पूजा पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और भोलेनाथ की असीम कृपा मिलती है. एक तरफ जहां ये कहा जाता है कि शिव जी का व्रत रखने से कुंवारी कन्याओं को मनभावन पति मिलता है. वहीं कई जगह ऐसी मान्यता भी है कि महिलाओं (खासतौर पर कुंवारी लड़कियां) को शिवलिंग छूने की इजाजत नहीं होती है. ऐसे में सभी के मन में यह सवाल आता है कि जब पूजा करने की अनुमति है तो भगवान को छूने की अनुमति क्यों नहीं.

क्या है इसके पीछे की कहानी?
दरअसल कहा जाता है कि शिवलिंग को खासतौर से कुंवारी कन्याओं को हाथ नहीं लगाना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि लिंग पुरुष का अंग होता है, इसलिए कुंवारी महिलाओं को इसे नहीं छूना चाहिए. पुरुषों को शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए. अगर महिलाएं शिव जी की पूजा करती भी हैं तो उन्हें शिव परिवार की पूजा करनी चाहिए, शिवलिंग की नहीं. रामायण में भी सीता जी माता पार्वती की पूजा करती हैं. रामायण में भी इस बात का उल्लेख है कि देवी सीता ने मां गौरी का पूजन करके अपना श्री राम के रूप में मनचाहा वर पाया था.''

मां पार्वती हो जाती हैं नाराज़
कहते हैं कि महिलाओं का श‍िवलिंग को छूकर पूजा करना मां पार्वती को पसंद नहीं है. मां पार्वती इससे नाराज हो सकती हैं. महिलाओं को श‍िव की पूजा मूर्ति रूप में करनी चाहिए. वहीं अगर वह शिव परिवार की पूजा करती हैं तो यह उनके लिए अति लाभकारी होता है. इससे परिवार में खुशहाली और सुख संपत्ति बनी रहती है.