इंदौर जयपुर हाईवे पर स्थित आगर-मालवा के पास विश्व प्रसिद्ध बगलामुखी मंदिर है. बगलामुखी मंदिर जाने के लिए आपको सड़क मार्ग से जाना होगा. मंदिर के प्रवेश द्वार पर शेर के मुख के आकृति वाला द्वार बना हुआ है. वहीं मंदिर के बाहर माता को चढ़ी जाने वाली चुनरी, प्रसाद, नारियल, अगरबत्ती आदि सामग्री मिलती है. मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज लहराता रहता है. वहीं मंदिर के पीछे लखुंदर नदी बहती है. वहीं मंदिर के आसपास शमशान भी है. मंदिर परिसर में बड़े-बड़े घंटाल भी लगे हुए है. वहीं मंदिर के अंदर माताजी की विशाल मूर्ति विराजमान है. माताजी को त्रिशूल समेत कई अन्य सौंदर्य वाली चीजों से श्रृंगार किया गया है. माता के मंदिर में अखंड ज्योति जलती रहती है. इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि माता का दर्शन करने से तमाम पापों से मुक्ति मिल जाती है.
बगलामुखी मंदिर आगर-मालवा में ही नहीं बल्कि विश्व भर में तीन मंदिर है. पहला नेपाल में तो दूसरा मध्य प्रदेश के दतिया में और तीसरा और सबसे प्रसिद्ध मंदिर आगर मालवा जिले में नलखेड़ा में है. आगर मालवा का मंदिर अन्य दोनों जगहों से हटकर है. इसके पीछे का कारण इस मंदिर के चारों तरफ श्मशान है. वहीं कहा जाता है कि इस मंदिर में आकर पांडवों ने महाभारत युद्ध से पहले कौरवों पर विजय प्राप्त करने के लिए शत्रु विजय यज्ञ किया था. तभी से इस मंदिर की योग्यता और भी बढ़ गई.
अलग तरीके से होता है यज्ञ
यह मंदिर श्मशान होने के चलते बगलामुखी माता का महत्व तंत्र क्रियाओं से संबंध में और भी अधिक बढ़ जाता है. यहां पर हर समय यज्ञ चलता रहता है. यहां जो हवन होते हैं उनमें हर जगह होने वाले हवन से विभिन्नता पाई जाती है क्योंकि हवन सामग्री भी यहां भिन्न होती है. यहां के यज्ञ में पीली सरसों, फूलों, खारक, इलायची, घी,तेल, काली मिर्च, लाल खड़ी मिर्च तथा अनेक तरह की जडी बूटियों से ओत प्रोत हवन सामग्री होती है. यहां पर भिन्न तरह से हवन में आहुतियां भी दी जाती है.
मंदिर आते हैं बड़े-बड़े नेता
इस मंदिर में देश भर में प्रसिद्ध विशेष प्रकार के यज्ञ के कारण यहां पर देश विदेश से कई बड़े-बड़े नेता अभिनेता, राजनेता, अधिकारी और व्यापारी आते हैं. कहा जाता है की नेपाल और दतिया में श्री श्री 1008 आद्या शंकराचार्य जी द्वारा माँ की प्रतिमा स्थापित की गयी थी. माँ बगलामुखी की उपासना और साधना से माता वैष्णो देवी और माँ हरसिद्धि के समान ही साधक को शक्ति के साथ धन और विद्या की प्राप्ति होती है.
पीएम मोदी के परिजन कर चुके हैं पूजा
मां के इस मंदिर में पूरे वर्ष भर भक्तों का तांता लगा रहता है. इस मंदिर में प्रधानमंत्री मोदी के परिवारजन सहित कई केंद्रीय मंत्री सहित कई दिग्गज नेताओं का आना हुआ है तो कई अभिनेता व अभिनेत्री भी मां के दरबार में माथा टेक चुकी हैं. मां के मंदिर में हवन करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है, इसी के चलते चुनाव के समय तो मां के आशीर्वाद के लिए नेतागण मंदिर में माथा टेकते और हवन करते हुए आसानी से देखे जा सकते हैं.
बगलामुखी की यह प्रतिमा पीताम्बर स्वरुप की है. इसलिए यहाँ पीले रंग की सामग्री चढ़ाई जाती है, पिला कपडा, पिली चूनरी, पिला प्रसाद, पीले फूल आदि चढ़ाए जाते हैं. नवरात्र के दौरान हवन की क्रियाओं को संपन्न कराने का विशेष महत्त्व है. अपनी मनोकामनाओ की पूर्ति के लिए किये जाने वाले इस हवन में तिल, जो, घी, नारियल , आदि का हवन किया जाता है. कहते है कि माता के सामने हवन करने से सफलता के अवसर दोगुने हो जाते है.
(आगर-मालवा से प्रमोद कारपेंटर की रिपोर्ट)