World's longest Bhagwat Gita: मदन मोहन वत्स का जैसा नाम है उनका शौक भी ऐसा ही निराला और अद्भुत हैं. पेशे पर वकील वत्स कहना है कि उन्होंने एक रिकॉर्ड बनाया है. अधिवक्ता ने दावा है कि उन्होंने विश्व की सबसे लंबी श्रीमद्भागवत गीता लिखी है. उन्होंने 905 घंटे में 1365 मीटर लंबी कैसेट रील पर श्रीमद्भागवत गीता को लिखने का दावा किया. इस काम को पूरा करने के लिए उन्होंने 10 वीएच कैसेट का प्रयोग किया.
अधिवक्ता वत्स ने GNT से बात करते हुए कहा, कि उन्होंने यह भागवत गीता ई 126 टी 90 वीएचएस 15 एमएम चौड़ी 510 ग्राम रिबन पर एक्रेलिक पेंट से लिखी है. उन्होंने कहा कि लिखे जाने के बाद रिबन की लंबाई और लिखने में लगा समय मापना संभव नहीं था. इसलिए उन्होंने एक-एक श्लोक लिखने के बाद उसकी लंबाई और लिखने में समय नोट किया. अधिवक्ता ने 18 अध्यायों के 700 श्लोकों और अन्य सामग्री को संस्कृत में लिखा. हर श्लोक के बाद गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी के पद्यनुवाद को अंकित किया है. इसमें उन्होंने 20 विख्यात विचारकों जैसे महात्मा गाँधी, मदन मोहन मालवीय, बालगंगाधर व लोकमान्य तिलक आदि के संक्षिप्त विचार भी लिखे हैं.
भगवत गीता को अलग-अलग रूप में प्रस्तुत करने का अनोखा शोक
यह रिबन एक कैसेट से दूसरी कैसेट पर जाने के लिए एक विशेष इवल पट्टी से गुजरता है, जहां इस पर लिखी सामग्री पढ़ी जा सकती है. 12 वोल्ट की दो मोटरों और एक बैट्री द्वारा संचालित यह दो कैसेट (दो स्टैण्ड पर खड़ी) अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी गति से चलाई जा सकती है. वत्स का भगवत गीता को अलग-अलग रूप में प्रस्तुत करने का अनोखा शोक है. इससे पहले उन्होंने भागवत गीता को संस्कृत भाषा में एक 44" x 29" के पन्ने पर प्रस्तुत किया. फिर इसके पद्यनुवाद को 29 " x 14" के पन्ने पर पेश किया.
एक अन्य कृति में उन्होंने सभी श्लोक कृत्रिम पीपल के पत्तों पर लाकर एक कृत्रिम वृक्ष बनाया. यह कृतियां, गीता ज्ञान संस्थानम, कुरुक्षेत्र के मयूजियम में देखी जा सकती है. शीघ्र ही मदन मोहन गीता जी के सभी श्लोकों को पीपल वृक्ष के असली पतों पर लिख कर एक 3% उंची पुस्तक के रूप में पेश करने वाले हैं. उसके उपरान्त वह इन पतों से एक 9- 10' उंचा 18 टहनियों नाला वृक्ष बनाने जा रहे है.