
दिल्ली में यमुना की सफाई के साथ-साथ संध्या आरती की शुरुआत भी कर दी गई है. मंगलवार शाम यमुना नदी के वासुदेव घाट पर आरती का आयोजन किया गया. यमुना आरती में भाग लेने आए पंडित अक्षय ने बताया कि पहले यमुना जी से क्षमा मांगी गई, उनकी स्तुति की गई. इस घाट का निर्माण डीडीए की ओर से कराया गया है, जोकि केंद्र सरकार के अधीन है.
जब प्रधानमंत्री ने यमुना मां को जीवित करने के लिए साफ करने की घोषणा की तो आस जग गई. यमुना की सफाई शुरू होने के बाद हम आरती करने वाले भक्तों को काफी खुशी है कि जल्द ही यमुना में आ रही बदबू खत्म होगी और युमना का पानी साफ होगा.
यमुना की सफाई का एक्शन प्लान तैयार
यमुना की सफाई के लिए भाजपा सरकार ने एक्शन प्लान तैयार कर लिया है. दिल्ली के उपराज्यपाल यानी एलजी वीके सक्सेना ने नदी की साफ-सफाई का निर्देश दिए हैं. कालिंदी कुलंज घाट पर नदी की सफाई का काम शुरू भी हो गया है. गाद हटाने और खरपतवार निकालने के लिए आधुनिक मशीनें लगाई गई हैं. एलजी सक्सेना ने यमुना की सफाई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर भी किया है.
दिल्ली में यमुना नदी के तट पर स्थित 'वासुदेव घाट' पर भव्य संध्या आरती का आयोजन हुआ, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। देखिए इस भक्तिमय माहौल की झलक... #Delhi #YamunaAarti #VasudevGhat #SpiritualVibes #EveningAarti #Video
— GNTTV (@GoodNewsToday) February 16, 2025
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यमुना नदी की सफाई के लिए चार सूत्री रणनीति बनाई गई है. सबसे पहले यमुना के पानी में जमा कचरा, कूड़ा और गाद को हटाया जाएगा. इसके साथ ही नजफगढ़ ड्रेन, सप्लीमेंट्री ड्रेन और अन्य सभी प्रमुख नालों की सफाई की जाएगी. दिल्ली सरकार अगले दो वर्षों में शहर के सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs), जिनमें 6 नए प्लांट भी शामिल हैं को पूरी तरह से चालू कर देगी ताकि यमुना में बहने वाले सीवरेज और औद्योगिक कचरे को जाने से पूरी तरह रोका जा सके.
वासुदेव घाट की खासियस
पहले राजधानी दिल्ली के वासुदेव घाट का नाम कुटिया घाट था. पहले इस घाट पर कूड़ा पड़ा रहता था. घाट पूरी तरीके से वीरान रहता था अब इस घाट में सुंदर-सुंदर रंग-बिरंगे ट्यूलिप के फूल खिल रहे हैं, घाट की पूरी तरीके से सफाई कर दी गई है. बता दें, घाट के सौंदर्य करण का काम पिछले 2 सालों से चल रहा था.
वासुदेव घाट में बड़े-बड़े मंडप बनाए गए हैं, मंडप के आसपास हरियाली भी उगाई गई है, सुंदर-सुंदर छोटे-छोटे बगीचे बनाए गए हैं. बगीचों में रंग बिरंगे फूल उगाए गए हैं. लाल पत्थर से बने दो बड़ी-बड़ी हाथी की मूर्तियां भी इस घाट में लगाई गई हैं, घाट में यमुना तक जाने के लिए सीढ़ियां भी बनाई गई हैं. घाट में एक पैदल मार्ग भी बनाया गया है जहां पर लोग सुबह-शाम आकर सैर भी कर सकते हैं.