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Dev Deepawali मनाने खुद भगवान स्वर्ग से उतरेंगे काशी! 12 लाख दीपों से घाटों को रोशन करेगी योगी सरकार, दिखेगा अलौकिक नजारा

दीपावली के 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा पर देवताओं की दीपावली होती है. ऐसी मान्यता है कि इस पर्व को मनाने के लिए देवता स्वर्ग से काशी के पावन गंगा घाटों पर अदृश्य रूप में अवतरित होते हैं और महाआरती में शामिल श्रद्धालुओं के मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करते हैं.

सजे काशी के गंगा घाट (फाइल फोटो) सजे काशी के गंगा घाट (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
  • सीएम योगी के नेतृत्व में 70 देशों के राजदूत व अन्य मेहमान देखेंगे देव दीपावली

  • गाय के गोबर से बने एक लाख दीप भी सजेंगे

काशी के अर्धचंद्राकार घाटों पर जब दीपों की माला पहने हुए मां गंगा का शृंगार होता है तो अद्भुत छठा होती है. ऐसा लगता है कि आसमां से तारे जमीन पर उतर आए हैं. इस अलौकिक दृश्य को देखने बड़ी संख्या में भारतीय और विदेशी मेहमान यहां आते हैं. ये नजारा 27 नवंबर 2023 (सोमवार) को दिखेगा, जब खुद भगवान देव दीपावली मनाने स्वर्ग से काशी के घाटों पर उतरेंगे.

सजाए गए हैं सभी घाट 
योगी सरकार देव दीपावली को भव्य बनाने के लिए 12 लाख दीपों से घाटों को रोशन करेगी. इनमें एक लाख दीप गाय के गोबर के बने होंगे. साफ-सफाई करके तिरंगा स्पायरल लाइटिंग से शहर व घाट सजाए गए हैं. देव दीपावली पर 8 से 9 लाख पर्यटकों के आने का अनुमान है. सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं. इस बार देव दीपावली देखने के लिए 70 देशों के राजदूत, डेलीगेट्स और परिवार के लोग आ रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मेहमान देव दीपावली देखेंगे.

गंगा पार रेत भी दीपक से होंगे जगमग 
उत्तरवाहिनी गंगा के तट पर 85 घाटों की शृंखला पर इस साल योगी सरकार की ओर से 12 लाख और जन सहभागिता से कुल मिलाकर लगभग 21 लाख से अधिक दीप घाटों, कुंडों, तालाबों और सरोवरों पर जलाए जाएंगे. गंगा पार रेत पर भी दीपक रोशन होंगे. काशी के घाटों की इस अद्भुत दृश्य को देखने देश-विदेश से पर्यटक बनारस आते हैं. काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद पर्यटकों की रिकॉर्ड आमद हुई है. 

चेत सिंह घाट पर लेजर शो का आयोजन
देव दीपावली पर होटल, गेस्ट हाउस, नाव, बजड़ा, बोट व क्रूज लगभग पहले से बुक व फुल हो गए हैं. योगी सरकार चेत सिंह घाट पर लेजर शो कराएगी. काशी के घाटों के किनारे सदियों से खड़ी ऐतिहासिक इमारतों पर धर्म की कहानी लेजर शो के माध्यम से जीवंत होती दिखेंगी. पर्यटक गंगा पार रेत पर शिव के भजनों के साथ क्रैकर्स शो का भी आनंद ले सकेंगे. श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर को विशाखापट्टनम के एक भक्त द्वारा 11 टन फूलों से सजाया जा रहा है. गंगा द्वार पर लेजर शो के माध्यम से श्री काशी विश्वनाथ धाम पर आधरित काशी का महत्व और कॉरिडोर के निर्माण संबंधित जानकारी दिखाई जाएगी.

सुरक्षा के किए गए हैं पुख्ता इंतजाम
देव दीपावली विश्व विख्यात हो चुकी है. इसे देखने विश्व भर के पर्यटक आते हैं. रंगोली, फसाड लाइट व झालरों से सजावट किया गया है. पर्यटकों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम रहेगा. ड्रोन उड़ान पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. जिले की सीमा पर भी चौकसी बरती जाएगी. घाटों पर वाच टॉवर से निगरानी रखी जाएगी. पर्यटकों की भारी संख्या को देखते हुए अस्पतालों में बेड रिजर्व कर चिकित्सकों की टीम को अलर्ट रखा गया है. गंगा में फ्लोटिंग डिवाइडर बनाए जाएंगे. 

एनडीआरएफ की टीम रहेगी तैनात
नाविकों को निर्धारित पर्यटकों को बैठाने व लाइफ जैकेट पहनने की हिदायत दी गई है. एनडीआरएफ की 8 टीमों को विभिन्न घाटों पर बचाव उपकरणों, मेडिकल टीम वाटर एम्बुलेंस के साथ विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं के निःशुल्क उपचार के लिए रहेगी. जल पुलिस के जवान गंगा में तैनात रहेंगे. श्रद्धालुओं व पर्यटकों की भारी भीड़ के अनुमान से ट्रैफिक डायवर्जन व पार्किंग सुनिश्चित कर दिया गया है. 

सीएम योगी करेंगे मेहमानों का स्वागत
विश्वविख्यात देव दीपावली का नजारा राजदूतों के साथ 150 विदेशी डेलीगेट्स और परिजन भी देखेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इनका स्वागत करेंगे. मेहमान दोपहर बाद एयरपोर्ट से नमो घाट आएंगे. यहां से क्रूज पर सवार होकर देव दीपावली के भव्य नज़ारे को कैद करेंगे. भारतीय परंपरानुसार एयरपोर्ट पर मेहमानों का स्वागत होगा. वहीं एयरपोर्ट समेत विभिन्न स्थानों पर लोक कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत करेंगे. स्वागत के लिए रास्तों और चौराहों को सजाया गया है. क्रूज पर मेहमान बनारसी खानपान और कुल्हड़ वाली चाय की भी चुस्की लेंगे.

दशाश्वमेध घाट की महाआरती में दिखेगी राम भक्ति और राष्ट्रवाद की झलक
आध्यात्मिकता के साथ राष्ट्रवाद व सामाजिकता की भी झलक देव दीपावली में दिखेगी. दशाश्वमेध घाट की आरती रामलला को समर्पित होगी. यहां रामलला व राम मंदिर की झलक मिलेगी. दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि की ओर से अमर जवान ज्योति की अनुकृति को अंतिम रूप दिया जा रहा है. भारत के अमर वीर योद्धाओं को 'भगीरथ शौर्य सम्मान' से सम्मानित भी किया जाता है. 21 अर्चक व 51 देव कन्याएं रिद्धि सिद्धि के रूप में दशाश्वमेध घाट पर महाआरती करेंगी, जो नारी शक्ति का भी संदेश देंगी. घाटों पर छत्रपति शिवजी महाराज के चित्रों के जरिए संदेश देंगी तो वहीं गुरुनानक देव की जयंती प्रकाश उत्सव पर उनके चित्रों का प्रदर्शनी दिखेगी. 

देव दीपावली का धार्मिक व आध्यात्मिक महत्व
दीपावली  के 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा पर देवताओं की दीपावली होती है. ऐसी मान्यता है कि इस पर्व को मनाने के लिए देवता स्वर्ग से काशी के पावन गंगा घाटों पर अदृश्य रूप में अवतरित होते हैं और महाआरती में शामिल श्रद्धालुओं के मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करते हैं. ये पर्व काशी की प्राचीन संस्कृति का खास अंग है. देव दीपावली का वर्णन शिव पुराण में मिलता है कि जब कार्तिक मास में त्रिपुरासुर नामक राक्षस ने देवताओं पर अत्याचार शुरू किया और उनको मारने लगा तब भगवान विष्णु ने इस क्रूर राक्षस का वध इसी दिन किया था और देवताओं ने दीपावली मनाई थी. 

आस्था के समुंद्र में लोग लगाते हैं गोते 
ऐसी भी मान्यता है कि काशी नरेश ने अपने शहीद सैनिकों के लिए घाटों पर दीप प्रज्ज्वलन की प्रथा शुरू की थी. घाटों पर गंगा की महाआरती में लोग मानों आस्था के समुंद्र में गोते लगाते हैं. पंच गंगा घाट से शुरू हुई देव दीपावली का दीप आज काशी के सभी घाटों पर जगमगाने लगी है. कार्तिक मास के इस दिन दीप दान करने से पूर्वजों को तो मुक्ति मिलती है और साथ में ही दीपदान करने वाले श्रद्धालु को भी मोक्ष का मार्ग मिलता है. कार्तिक मास को भगवान विष्णु की आराधना का माना जाता है, लेकिन भगवान शिव को विष्णु और मां गंगा अति प्रिय हैं. काशी शिव की नगरी कहलाती है, इसलिए इस महाआरती के दिन लाखों श्रद्धालु इस अलौकिक पल का हिस्सा बनना चाहते हैं.