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Holika Dahan Significance: क्या है होलिका दहन और क्या है इसकी परंपरा ? जानिए

भारतीय नव संवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की पहली तिथि को शुरू होता है. इसके आगमन के पूर्व पुराने संवत्सर को विदाई दी जाती है और पुराने संवत को समाप्त करने के लिए होलिका दहन किया जाता है. इसको कहीं कहीं पर संवत जलाना भी कहते हैं. होलिका दहन में किसी वृक्ष कि शाखा को जमीन में गाड़ कर उसे चारों तरफ से लकड़ी कंडे उपले से घेर कर निश्चित मुहूर्त में जलाया जाता है.इसमें छेद वाले गोबर के उपले ,गेंहू की नयी बालियाँ और उबटन जलाया जाता है. लकड़ी की राख को घर में लाकर उससे तिलक करने की परंपरा भी है. इस बार होलिका दहन का अवसर 7 मार्च को है.

The Indian New Year begins on the first date of Chaitra Shukla Pratipada. Watch the Video To Know More.