जगन्नाथ मंदिर का ध्वज हर रोज बदला जाता है और विपरीत दिशा में उड़ता है। ध्वज पर भगवान हनुमान जी का वास माना जाता है, जो मंदिर के संरक्षक हैं। ध्वज की प्राण प्रतिष्ठा मूर्ति से पहले की जाती है और इसे शुभता का प्रतीक माना जाता है। गरुड़ द्वारा ध्वज को छूने की घटना को लेकर विशेषज्ञ ने कहा कि यह किसी अपशकुन का संकेत नहीं है।