सावन का महीना है और भक्तों ने भोले बाबा के नाम की कांवड़ उठा ली है. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि कांवड़ कितने प्रकार की होती हैं. एक होती है खड़ी कांवड़, जिसके नियम सबसे कठिन होते हैं. इसमें भक्त कंधे पर कांवड़ रखकर पैदल गंगाजल लेने जाते हैं. खड़ी कांवड़ को न तो जमीन पर रखा जाता है और ना ही टांगा जा सकता है.यानी आराम करते वक्त भी कांवड़ को किसी दूसरे शिव भक्त के कंधे पर रखा जाता है.
How many types of kawad are there? One is the standing kawad, whose rules are the most difficult. In this, the devotees go on foot to collect water from the Ganges by keeping a kawad on their shoulders.