कल जब केदारनाथ धाम के कपाट खुल जाएंगे, तब भक्त फिर से अपने आराध्य के दर्शन कर पाएंगे. केदारनाथ मंदिर में शिव अन्य ज्योतिर्लिंगों की तरह लिंग रूप में नहीं विराजे हैं. बल्कि उन्होंने अपने प्रिय हिमालय के शिखर सा ही नैसर्गिक और परम निराकार रूप धरा है. आज गौरीकुंड से पैदल चलकर बाबा की चल विग्रह डोली केदारनाथ मंदिर परिसर में प्रवेश कर जाएगी.
When the doors of Kedarnath Dham will open tomorrow, devotees will be able to have darshan of their deity again. In Kedarnath temple, Shiva is not present in the form of Linga like other Jyotirlingas.