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Tanot Mata Temple: शत्रु की शक्ति पर भारी तनोट माता की भक्ति, बीएसएफ करती है मंदिर की देखभाल

नवरात्र के दौरान शक्ति के प्रमुख स्थानों में दर्शन और पूजन का विशेष महत्व है. हम आपको देश के प्रमुख देवी मंदिरों और शक्तिपीठों की यात्रा पर ले चलेंगे. सबसे पहले बात शक्ति के उस अनोखे धाम की जहां श्रद्धा और शौर्य का अद्भुत संगम नजर आता है. मैं बात कर रही हूं थार की वैष्णो कहलाने वाली तनोट माता की. ये वही तनोट भवानी हैं जो भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय देश के रणबांकुरों की ढाल बन गईं थीं. कहा जाता है कि 1965 के युद्ध के बाद जब माता के मंदिर और तनोट पर पाकिस्तान के दागे गोलों की गिनती की गई तो उनकी संख्या तीन हज़ार को पार कर गई. लेकिन उस रोज़ तनोट में किसी का बाल भी बांका नहीं हुआ.

After the 1965 war, when the shells fired by Pakistan on Mata's temple and Tanot were counted, their number crossed three thousand. But that day no one's hair was left unturned in Tanot.