माघ पूर्णिमा का विशेष महत्त्व है. 144 वर्षों बाद यह अद्भुत संयोग बना है. संगम स्नान से अकाल मृत्यु नहीं होती और सभी व्याधियाँ नष्ट होती हैं. घर पर भी गंगाजल डालकर स्नान करने से संगम स्नान का फल मिलता है. पूर्णिमा तिथि संध्याकाल से शुरू होकर अगले दिन शाम 7 बजे तक रहेगी.