अयोध्या से नेपाल और श्रीलंका तक भगवान श्री राम से जुड़े 292 महत्वपूर्ण स्थानों पर श्री राम स्तंभ स्थापित करने की योजना है. इस पहल का उद्देश्य उन सभी स्थलों पर श्री राम की स्मृति को जीवित रखना है जहाँ त्रेता युग में उनके चरण पड़े थे, जिससे धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. श्रीराम सांस्कृतिक शोध संस्थान न्यास द्वारा प्रस्तावित ये स्तंभ 14 फीट ऊंचे होंगे और इन पर हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत व स्थानीय भाषा में जानकारी अंकित होगी. पहल का आधार बताते हुए कहा गया, "जहां जहां भगवान राम गयो तभी सुरक्षित रहेंगे जब वो जनता की नजर में आएंगे." इन स्तंभों के माध्यम से भारतीय संस्कृति और राम संस्कृति की धरोहर को संरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है.