करवा चौथ शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, 'करवा' यानी 'मिट्टी का बरतन' और 'चौथ' यानि कि 'चतुर्थी'. करवा चौथ व्रत में मिट्टी के बरतन यानी करवे का विशेष महत्व है. साथ ही चौथ माता की पूजा की जाती है. करवा चौथ का व्रत अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. सौभाग्यवती महिलाएं इस दिन अपने पति की दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य की मंगल-कामना करके भगवान रजनीश यानि चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान करती हैं.