भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 17 फरवरी को INSAT-3DS मिशन लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है. भारत जीएसएलवी-एफ14 पर लॉन्च होने वाले मिशन के साथ अपनी मौसम संबंधी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए तैयार है.
यह मिशन जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV)की 16वीं उड़ान है और इसका लक्ष्य इन्सैट-3डीएस मौसम उपग्रह को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO)में तैनात करना है. इसरो प्रक्षेपण भारतीय समयानुसार शाम 5:30 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी-एसएचएआर) से करेगा.
यह उपग्रह वर्तमान में संचालित INSAT-3D और INSAT-3DR उपग्रहों के साथ-साथ मौसम संबंधी सेवाओं को भी बढ़ाएगा. भारतीय उद्योगों ने उपग्रह के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
इसे मौसम संबंधी अवलोकन और भूमि और महासागर सतहों की निगरानी प्रदान करने, वायुमंडल के विभिन्न मौसम संबंधी मापदंडों का प्रोफाइल प्रदान करना, डेटा संग्रह प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है. ये क्षमताएं सटीक मौसम पूर्वानुमान और समय पर आपदा चेतावनी जारी करने के लिए महत्वपूर्ण हैं.