इस महीने में अगर आप रात में घर से बाहर निकलते हैं तो आसमान की ओर जरूर देखें. रात के अंधेरे में आकाश को देखने वाले लोगों को इस महीने चार दुर्लभ खगोलीय घटनाएं देखने को मिल सकती हैं. इस दौरान अलग-अलग तारीखों में सौर मंडल में अलग-अलग नजारा देखने को मिलेगा. यह खगोलीय घटनाएं किसी भी स्थान से बिना दूरबीन के देखी जा सकेंगी.
धरती के करीब होगा चांद, दिखेगा आखिरी सुपरमून
साल का आखिरी सुपरमून 11 अगस्त की शाम से 12 अगस्त की सुबह तक दिखना शुरू हो जाएगा. बताया जा रहा है अगला सुपरमून अगस्त 2023 में ही दिखाई देगा. 11 अगस्त की रात 9:36 बजे चांद अपने पीक पर होगा. इस दिन धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी सबसे कम हो जाएगी. इस दौरान यदि मौसम अनुकूल हो तो चंद्रमा अधिक चमकीला और अधिक बड़ा दिखाई दे सकता है. सुपरमून की वजह से समुद्र में उच्च और कम ज्वार की बड़ी श्रृंखला देखी जा सकती है.
आसमान में होगी सितारों की बारिश
उल्का वर्षा हमेशा पसंदीदा खगोलीय गतिविधियों में से है. इसे कोई भी बिना दूरबीन के देख सकता है. 24 अगस्त तक आसमान से उल्कापिंडों के छोटे-छोटे टुकड़े धरती के वायुमंडल में प्रवेश करेंगे. इस दौरान आसमान चमकीले तारे जैसा प्रतीत होगा. यह अगस्त 11-12 तक अपने चरम पर पहुंच जाएगा. चंद्रमा अभी फुल बून बनने की ओर अग्रसर है, इस वजह से इस घटना को अच्छी तरह से देखा जा सकता है. उल्का बौछार तब होती है जब धूमकेतु और क्षुद्रग्रहों के असंख्य छोटे अवशेष पृथ्वी के वायुमंडल में टकराते हैं. उल्कापिंड के टुकड़े प्रति घंटे 148,000 मील तक की गति से वायुमंडल में प्रवेश करते हैं.
धरती से दिखाई देगा शनि
धरती से सौर मंडल में ग्रहों को देखना अत्यंत दुर्लभ माना जाता रहा है लेकिन 14 अगस्त की सूर्यास्त के बाद चक्राकार ग्रह शनि को दूरबीन की मदद से देखा जा सकता है. रात में यह खुली आंखों से चमकदार नजर आएगा. यह घटना तब होती है जब धरती और शनि ग्रह आपस में बेहद करीब आते हैं. ये नजारा बेहद खास होने वाला है क्योंकि शनि पृथ्वी से काफी दूर है. यह घटना साल में एक बार होती है. ऐसा तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और शनि के बीच आ जाती है.
आकाश में दिखेगा सिग्नस
सिग्नस इस साल अगस्त और सितंबर में सबसे अच्छा देखा जाएगा. नासा के अनुसार, अगस्त में अंधेरा होने के बाद पूर्वी आकाश में सिग्नस को देखा जा सकता है. सिग्नस का आकार "टी" या "क्रॉस" जैसा होता है, और इसमें एक स्टार पैटर्न होता है जिसे "द नॉर्दर्न क्रॉस" भी कहा जाता है.