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Humanoid Robot: टीचर ने स्टूडेंट्स के साथ मिल बाना डाला ह्यूमनॉइड रोबोट... लोगों से कर सकता है बात... इमोशन भी समझ सकता है... पलक झपकते ही दे सकता है हर जवाब

Hooghly AI Robot: हुगली के एक साइंस के टीचर ने अपने स्टूडेंट्स के साथ मिलकर एआई और रोबोटिक्स का इस्तेमाल करके एक ऐसा रोबोट बनाया है, जो हूबहू इंसानों की तरह हरकतें करता है और आवाज में बोल भी सकता है. यह रोबोट अकेलेपन से जूझ रहे लोगों के साथ बात कर उनके इमोशन को भी समझ सकता है. 

Teacher and Students With Robot Teacher and Students With Robot
हाइलाइट्स
  • हुगली के साइंस टीचर विश्वरूप नियोगी और उनके शिष्यों की मेहनत लाई रंग

  • ह्यूमनॉयड रोबोट किसी भी हरकत को चंद सेकेंड में सीखने में है पारंगत 

बढ़ते समय और टेक्नोलॉजी के साथ हर दिन हमारा देश भी तरक्की कर रहा है. इसका जीता जागता नमूना हैं, हुगली के साइंस के टीचर विश्वरूप नियोगी. इन्होंने अपने छात्रों के साथ मिलकर एक ऐसा आविष्कार किया है जिसने सभी को हैरान कर दिया है. उन्होंने एआई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके एक ऐसा रोबोट (Robot) बनाया है जो हूबहू इंसानों की तरह हरकतें करता है और आवाज में बोल भी सकता है. चलिए इस रोबोट के बारे में जानते हैं. 

क्या-क्या कर सकता है रोबोट
बता दें कि ये रोबोट एआई और रोबोटिक्स का इस्तेमाल करके बनाया गया है. इसे बनाने में तकरीबन 60,000 रुपए लगे हैं. ये ह्यूमनॉयड रोबोट न केवल गणित, साइंस, समाजशास्त्र और राजनीति जैसे सबजेक्ट का नॉलेज रखता है बल्कि इसे एजुकेशन के लिए छात्रों को पढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा ये अकेलेपन से जूझ रहे लोगों के साथ बात कर उनके इमोशन को भी समझ सकता है. 

क्या कहना है विश्वरूप नियोगी का
विश्वरूप नियोगी का कहना है कि ये रोबोट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और रोबोटिक्स जैसी कई तकनीकों का उपयोग कर सकता है. यह रोबोट न केवल बोल सकता है बल्कि आपके सवालों का जवाब भी दे सकता है. इसके अलावा, क्लोन टेक्नोलॉजी के माध्यम से ये किसी भी व्यक्ति की आवाज और 3D टेक्नोलॉजी से किसी भी व्यक्ति को सामने ला सकता है. ये रोबोट कुछ ही सेकेंड में किसी भी चीज को कॉपी कर सकता है. यहां तक कि ये देश और दुनिया की ताजा खबरें, साइंस, टेक्नोलॉजी, हिस्ट्री, भूगोल, जनरल नॉलेज से लेकर सभी जानकारी दे सकता है.

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शिक्षक और छात्रों ने मिलकर बनाया है ये रोबोट
जितना इस रोबोट को बनाने में विश्वरूप नियोगी ने मेहनत की है ठीक बराबर का हाथ उनके छात्रों का भी है. विश्वरूप नियोगी का कहना है कि उनका ये रोबोट बनाने के पीछे छात्रों में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना और उन्हें नई तकनीकों की जानकारी देना है. जिसे लेकर विश्वरूप के छात्र हर्ष कुमार साव ने बताया कि वे काफी खुशी हैं, आखिर में उनकी 5 महीने की मेहनत रंग लाई. वे इस टेक्नोलॉजी को और डेवलप कर इसे बाजार में उतारने की कोशिश करेंगे. वहीं अब ये खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है और लोग भी इसकी खूब तारीफ कर रहे हैं. 

(भोलानाथ साहा की रिपोर्ट)