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From Mangalyaan to Chandrayaan-3: मंगलयान के बाद अब चंद्रयान-3 के लिए मिला ISRO को IAF वर्ल्ड स्पेस अवार्ड, पिछले साल एलन मस्क को मिला था ये 

यह पहली बार नहीं है जब ISRO को IAF वर्ल्ड स्पेस अवार्ड से सम्मानित किया गया है. 2019 में, ISRO को इसके मंगलयान मिशन के लिए यह पुरस्कार मिला था, जिसने इतिहास रचते हुए पहली बार किसी एशियाई स्पेसक्राफ्ट को मंगल की ऑर्बिट में सफलतापूर्वक पहुंचाया था.

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हाइलाइट्स
  • चंद्रयान-3 के लिए मिला ISRO को अवार्ड

  • पिछले साल एलन मस्क को मिला था ये 

भारत स्पेस के क्षेत्र में लगातार तरक्की कर रहा है, और यही कारण है कि दुनियाभर में ISRO का नाम हो रहा है. अब इसरो के नाम पर एक और उपलब्धि जुड़ गई है. स्पेस डिपार्टमेंट (DOS) के सचिव और ISRO के चेयरमैन डॉ. एस. सोमनाथ को चंद्रयान-3 की उपलब्धि के लिए अवार्ड दिया गया है. ये इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉटिकल फेडरेशन (IAF) वर्ल्ड स्पेस अवार्ड है, जिसे सोमवार को दिया गया है. इटली के मिलान उत्सव में इस अवार्ड की घोषणा की गई है. 

IAF वर्ल्ड स्पेस अवार्ड
IAF वर्ल्ड स्पेस अवार्ड स्पेस एक्सप्लोरेशन के क्षेत्र में सबसे बड़े सम्मानों में से एक है. ये व्यक्तियों या संगठनों को स्पेस साइंस, टेक्नोलॉजी और एक्सप्लोरेशन के क्षेत्र में दिया जाता है. इस अवार्ड की स्थापना इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉटिकल फेडरेशन ने की थी. इससे पहले, IAF वर्ल्ड स्पेस अवार्ड पाने वालों में NASA जैसी बड़ी स्पेस एजेंसियां और एलन मस्क जैसे व्यक्ति शामिल हैं जिन्होंने स्पेस के क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया है. 

भारत का तीसरा लूनर एक्सप्लोरेशन था ये मिशन 
चंद्रयान-3, भारत का तीसरा लूनर एक्सप्लोरेशन मिशन है. जिसे चांद के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र (lunar exploration mission) पर खोज के लिए लॉन्च किया गया था. इसकी मदद से उस क्षेत्र में पानी की मौजूदगी का पता लगाया जा सकेगा. हालांकि, अपने पुराने मिशन के विपरीत, चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर नहीं था; यह केवल एक लैंडर 'विक्रम' और एक रोवर 'प्रज्ञान' के साथ मिशन पर भेजा गया था.

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इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करना था, जो कि इसे पूरा करने वाला भारत चौथा देश बन गया. इसके पहले अमेरिका, रूस, और चीन ने ऐसा किया है.  

23 अगस्त 2023 को चंद्रमा पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग करना भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी. चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में लैंडिंग करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है. इसकी सतह काफी ऊबड़-खाबड़ है. 

मंगलयान से चंद्रयान-3 तक  
यह पहली बार नहीं है जब ISRO को IAF वर्ल्ड स्पेस अवार्ड से सम्मानित किया गया है. 2019 में, ISRO को इसके मंगलयान मिशन के लिए यह पुरस्कार मिला था, जिसने इतिहास रचते हुए पहली बार किसी एशियाई स्पेसक्राफ्ट को मंगल की ऑर्बिट में सफलतापूर्वक पहुंचाया और एकमात्र ऐसा मिशन बना जो अपनी पहली कोशिश में यह कामयाबी हासिल कर सका. 

चंद्रयान-3 के अलावा भारत के नाम पर कई और मिशन भी हैं: 
1. गगनयान मिशन:
भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन, गगनयान है. इसका उद्देश्य 2025 तक भारतीय एस्ट्रोनॉट को स्पेस में भेजना है. 

2. आदित्य-L1: एक और रोमांचक मिशन आदित्य-L1 है. इसका उद्देश्य सूरज की स्टडी करना है. यह भारत का पहला सौर मिशन होगा.

3. शुक्र की खोज: इसरो शुक्र ग्रह की खोज के लिए भी एक मिशन की योजना बना रहा है, जो एक ऐसा ग्रह है जो अपने मोटे, जहरीले वातावरण और सतह के तापमान के कारण लंबे समय से वैज्ञानिकों को आकर्षित कर रहा है. 

4. मार्स ऑर्बिटर मिशन 2 (मंगलयान 2): पहले मंगलयान मिशन की सफलता के बाद, इसरो ने लाल ग्रह की खोज जारी रखने के लिए दूसरा मंगल मिशन भेजने की योजना बनाई है.