अरबपति एलन मस्क ने एलान किया है कि उनकी कंपनी Neuralink इंसानी दिमाग में चिप डालने का क्लिनिकल ट्रायल अगले 6 महीने के भीतर शुरू करने जा रही है. यह अत्याधुनिक तकनीक फिलहाल विकास के चरण में है. इसके जरिए विकलांग लोगों को फिर से आसानी से चलने और संवाद करने में मदद मिलेगी. यह दृष्टिहीन लोगों की आंखों की रोशनी वापस लाने में भी मदद करेगा.
इन लोगों के लिए फायदेमेंद है टेक्नोलॉजी
मस्क ने कहा कि कंपनी का लक्ष्य दृष्टिहीन लोगों और पैरालिसिस को ठीक करना है. मस्क ने कहा, हम यह डिवाइस इंसान के दिमाग में डालने से पहले निश्चिंत होना चाहते हैं कि यह अच्छी तरह से काम करे. हम इसे बड़े पैमाने पर लाने के लिए सभी चीजें कर रहे हैं. मस्क ने कहा कि न्यूरालिंक डिवाइस खास तौर पर उन लोगों के लिए बनाया गया है जो शारीरिक रूप से असक्षम हैं. यह जन्म से दृष्टिहीन लोगों में दृष्टि बहाल कर सकता है.
कैसे काम करेगी टेक्नोलॉजी
कंपनी एक नए तरह के रोबोट (सर्जिकल रोबोट आर1) पर काम कर रही है. चिप लगाने के लिए इंसान के दिमाग के एक हिस्से को काटकर N1 चिप इन्जर्ट कर दी जाएगी. जो धागों के जरिए सीधे दिमाग से जुड़ी होंगी. इन इलेक्ट्रोड्स द्वारा भेजी जाने वाली विद्युत धाराएं मस्तिष्क को उत्तेजित कर सकती हैं.
बंदर और सूअर में हो चुका एक्सपेरिमेंट
न्यूरालिंक जानवरों में ब्रेन चिप इंप्लांट करने की कोशिश के शुरुआती चरण में ही है. एलन मस्क का मकसद है कि इसे इंसानों के दिमाग में डालकर उसकी क्षमता को बढ़ाया जा सके. दिमाग को कंप्यूटर से भी जोड़ा जा सकेगा. इस चिप को पेजर नाम के बंदर और एक सूअर के अंदर पहले ही लगाया जा चुका है और यह अच्छे से काम भी कर रहा है. मस्क ने इस स्टार्टअप को 2016 में सैन फ्रांसिस्को बे एरिया में शुरू किया था.