अमेरिकी बिजनेसमैन एलन मस्क (Elon Musk) की स्पेस-टेक कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) ने पोलारिस डॉन मिशन (Polaris Dawn Mission) को लॉन्च कर दिया है. यह मिशन 5 दिनों का है. पोलारिस डॉन वैन एलेन रेडिएशन बेल्ट के भीतर यात्रा करने वाला पहला मिशन होगा.
इस अभियान में शामिल अंतरिक्ष यात्री पहली बार किसी कॉमर्शियल स्पेसक्राफ्ट से स्पेस वॉक (Space Walk) करेंगे. इस पूरे मिशन का खर्च अरबपति जेरेड इसाकमैन (Jared Isaacman) ने उठाया है. आइए पोलारिस डॉन मिशन और स्पेस वॉक के बारे में जानते हैं.
इन चार लोगों ने भरी है उड़ान
फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से पोलारिस डॉन मिशन के तहत चार लोगों ने स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल से उड़ान भरी है. उड़ान भरने वालों में जेरेड इसाकमैन, मिशन पायलट स्कॉट पोटेट, स्पेसएक्स कर्मचारी सारा गिलिस और अन्ना मेनन शामिल हैं.
स्कॉट पोटेट अमेरिकी वायु सेना के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल हैं. गिलिस और अन्ना मेनन स्पेसएक्स में वरिष्ठ इंजीनियर हैं. इसाकमैन और गिलिस अंतरिक्ष यान से बाहर निकलेंगे और स्पेस वॉक करेंगे जबकि पोटेट और मेनन केबिन में रहेंगे. जेरेड इसाकमैन साल 2021 के सितंबर में हुई इंस्पीरेशन 4 मिशन में अंतरिक्ष में गए थे.
जेमिनी 11 का रिकॉर्ड तोड़ेगा पोलारिस डॉन
अंतरिक्ष में जाने वाले एस्ट्रोनॉट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक जाते हैं, जो पृथ्वी से सिर्फ 400 किलोमीटर दूर है. पोलारिस डॉन मिशन के तहत चारों अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से आगे 870 मील (1,400 किलोमीटर) की ऊंचाई तक उड़ान भरेंगे.
ऐसे में यह मिशन नासा (NASA) के 1966 के जेमिनी 11 मिशन द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड को तोड़ देगा. जेमिनी 11 मिशन 853 मील (1,373 किलोमीटर) तक पहुंच गया था. पोलारिस डॉन अंतरिक्ष उड़ान नासा के अपोलो कार्यक्रम के बाद से किसी भी इंसान की ओर से की गई सबसे ऊंची उड़ान होगी. अपोलो मिशन को 1972 में बंद कर दिया गया था. इस मिशन से कुल मिलाकर 24 अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष यात्रा कराई गई थी.
पोलारिस अन्य मिशनों से क्यों है अलग
पोलारिस डॉन मिशन अब तक के किए गए Space Walk से इसलिए अलग है क्योंकि पूरे ड्रैगन कैप्सूल (Dragon Capsule) को डिप्रेशराइज किया जाएगा, जिससे सभी क्रू सदस्यों को जिंदा रहने के लिए पूरी तरह से अपने स्पेससूट पर निर्भर रहना पड़ेगा. यह स्पेस वॉक काफी रिस्की होगी. एयरलॉक न होने की वजह से स्पेसएक्स के नए स्पेससूट को कठिन परीक्षा से गुजरना होगा.
इसका मतलब है कि न केवल स्पेस वॉक करने वाले इसाकमैन और गिलिस को स्पेसएक्स का नया EVA स्पेससूट पहनना होगा, बल्कि पोटेट और मेनन भी इस EVA स्पेससूट को पहनेंगे. ऐसा इसलिए है क्योंकि ड्रैगन में एयरलॉक नहीं है, इसलिए कैप्सूल का अंदरूनी हिस्सा अंतरिक्ष के वैक्यूम के कॉन्टैक्ट में रहेगा.
क्या होता है स्पेस वॉक
आपको मालूम हो कि कई बार स्पेस में भेजे जाने वाले क्राफ्ट्स को बिना इंसान के ही अंतरिक्ष में भेजा जाता है. ऐसा अधिक खर्च और खतरों के चलते किया जाता है. जिन मिशन में एस्ट्रोनॉट्स को भेजा जाता है, उनमें भी वें ज्यादातर समय क्राफ्ट के भीतर ही रहते हैं. हालांकि कई बार कुछ जरूरी काम या किसी खराबी के चलते एस्ट्रोनॉट्स को क्राफ्ट या स्पेस स्टेशन से बाहर निकलना पड़ जाता है. इस दौरान वो क्राफ्ट से बाहर निकलकर स्पेस में होते हैं. इसे ही स्पेस वॉक कहा जाता है. स्पेस वॉक केजुअल नाम है.
इसे असल में EVA या एक्सट्रावीकलर एक्टिविटी भी कहा जाता है. साल 1998 से लेकर अब तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में 270 स्पेस वॉक की गई हैं. ये कुछ मिनटों से लेकर कई घंटों तक की हो सकती हैं. सबसे लंबी स्पेस वॉक 12 मार्च 2001 को जेम्स वॉस और सुजैन हेल्मस ने की थी, जो 8 घंटे और 56 मिनट की थी. पोलारिस डॉन मिशन से पहले केवल उच्च प्रशिक्षित और सरकारी अंतरिक्ष यात्रियों ने ही स्पेस वॉक किया था. पहला अमेरिकी स्पेस वॉक साल 1965 में जेमिनी कैप्सूल में किया गया था.
कब करेंगे स्पेस वॉक
स्पेस वॉक को अंतरिक्ष उड़ान के सबसे जोखिम भरे हिस्सों में से एक माना जाता है क्योंकि वहां वैक्यूम की स्थिति होगी. अजीब तापमान होगा और रेडिशएन हाई लेवल पर होगा. पोलारिस डॉन मिशन की पांच दिवसीय अंतरिक्ष यात्रा के बीच में बुधवार रात या गुरुवार को कभी स्पेस वॉक प्रस्तावित है. चारों अंतरिक्ष यात्रियों में से सिर्फ इसाकमैन और गिलिस ही स्पेसक्राफ्ट के बाहर निकलेंगे और अंतरिक्ष में चहलकदमी करेंगे.
पूरे EVA ऑपरेशन शुरुआती वेंटिंग से लेकर कैप्सूल के रिप्रेशराइजेशन तक में लगभग दो घंटे का समय लगेगा. यह स्पेस वॉक 700 किलोमीटर के लोवर ऑर्बिटल पर होगी. दोनों स्पेसएक्स के नए स्पेससूट से लैस होंगे. उनके हेलमेट पर कैमरे भी लगे होंगे, जो इनकी हलचल रिकॉर्ड करेंगे.
36 रिसर्च और एक्सपेरिमेंट्स करेंगे
पोलारिस डॉन मिशन के तहत 31 अलग-अलग इंस्टीट्यूट्स मिलकर 36 रिसर्च और एक्सपेरिमेंट्स करेंगे. चारों अंतरिक्ष यात्री वहां वैज्ञानिक परीक्षण करेंगे. यह जानने की कोशिश की जाएगी कि ब्रह्मांडीय विकिरण और अंतरिक्ष का मानव शरीर पर कैसा प्रभाव पड़ता है. ये लोग अंतरिक्ष में स्टारलिंक की लेजर-बेस्ड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी को भी टेस्ट करेगा, जो भविष्य के डीप स्पेस मिशन के लिए अहम है.
स्टारलिंक, सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट सुविधा मुहैया करवाने का प्रोग्राम है. इस टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल करने वाली पोलारिस डॉन पहली टीम होगी. टीम अंतरिक्ष में इंसान की सेहत और बायोलॉजिकल प्रोसेस पर स्पेसफ्लाइट के प्रभाव पर स्टडी समेत कई साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट्स करेगी.पोलारिस डॉन मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष के एक क्षेत्र से गुजरेंगे जिसे वैन एलन बेल्ट के रूप में जाना जाता है, जहां रेडिएशन खतरनाक लेवल पर है. मिशन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के साथ डॉक नहीं करेगा, इसके बजाय सभी अंतरिक्ष यात्री धरती की परिक्रमा करेंगे.
स्पेसएक्स का क्रू डैगन कैप्सूल
पोलारिस डॉन मिशन में इस्तेमाल किए गए स्पेसएक्स के खास क्रू ड्रैगन कैप्सूल का नाम रेजिलिएंस है. यह फाल्कन 9 रॉकेट के ऊपर से लॉन्च इसकी तीसरी उड़ान थी. स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल का इस्तेमाल अंतरिक्ष यात्रियों और सप्लाई को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) तक लाने-ले जाने के लिए किया जाता है.
वापसी का समय काफी महत्वपूर्ण
वैज्ञानिकों के मुताबिक अंतरिक्ष यात्रियों के वापसी का समय काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि अंतरिक्ष में चलने से इनकी ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाएगी. पोलारिस डॉन मिशन के पास अंतरिक्ष में केवल पांच या छह दिनों के लिए ही ऑक्सीजन और दूसरे लाइव सेविंग सामान मौजूद हैं.पोलारिस डॉन का पांचवां दिन घर वापसी के सफर की तैयारी में निकलेगा, बशर्ते इस फेज तक सभी अन्य मिशन के टारगेट पूरे हो जाएं. यदि सबकुछ प्लान के मुताबिक होता है तो पोलारिस डॉन चालक दल फ्लोरिडा के तट से दूर संभावित लैंडिंग जोन में से एक में समुद्र में पैराशूट से उतरेगा. यहां से एक रिकवरी शिप स्पेसक्राफ्ट और चालक दल को वापस लाएगा.