वैज्ञानिकों ने 20,000 साल पुराने पेंडेंट की डीएनए जांच की है, इससे इस पेंडेंट को पहनने वाली महिला के बारे में दिलचस्प जानकारी हाथ लगी है. वैज्ञानिकों ने बुधवार को कहा कि प्राचीन डीएनए निकालने की एक नई विधि से पेंडेंट के पुराने मालिक की पहचान हो गई है. यह पहली बार है जब किसी जानवर की हड्डियों से बनी कलाकृति से प्राचीन मानव डीएनए बरामद किया गया है.
यह पेंडेंट दक्षिण साइबेरिया में डेनिसोवा गुफा की खुदाई के दौरान मिला था. ये पेंडेंड हिरण के कैनाइन दांत से बना हुआ है. वैज्ञानिकों ने अपनी खोज में पता लगाया है कि इस पेंडेंड को तकरीबन 19,000 से लेकर 25,000 साल पहले पहने वाली एक महिला ने पहना होगा. इस महिला का ताल्लुक प्राचीन उत्तरी यूरेशियन समूह से था. पेंडेंट की डीएनए जांच से वैज्ञानिकों ने ये अहम जानकारी हासिल की है. ये महिला पाषाण युग की हो सकती है.
इस बार डीएनए लेने का नया तरीका इस्तेमाल किया गया. पेंडेंट पर पसीने या शरीर के अन्य तरल पदार्थों का जो हिस्सा आ गया था उससे डीएनए की पहचान की गई. पेंडेंट में उस महिला का डीएनए मौजूद था क्योंकि यह खुरदरा था. हालांकि अभी भी किसी विशेष वस्तु को किसी विशेष व्यक्ति से जोड़ना बहुत जल्दबाजी होगी. ये स्डडी नेचल जर्नल में प्रकाशित हुई है.
जर्मनी में मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर इवोल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी में साइंटिस्ट और इस रिसर्च की लेखक एलेना एस्सेल ने कहा, हमने धीरे-धीरे तापमान बढ़ाते हुए पेंडेंट को सोडियम फॉस्फेट बफर घोल में डुबोया. इससे हमें डीएनए घोल में मिल गया. बाद में हमने इसकी जीनोम सिक्वेंसिंग की. वे कहती हैं, इसे बनाने वाला व्यक्ति कौन था? क्या यह उपकरण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक, एक माँ से एक बेटी को या एक पिता से एक बेटे को पारित किया गया था? कि हम आनुवंशिक उपकरणों का उपयोग करके इन सवालों का जवाब जरूर ढूंढ सकते हैं. मुझे गहरे अतीत में बनाई गई ये वस्तुएं बेहद आकर्षक लगती हैं क्योंकि वे हमें वापस यात्रा करने और इन लोगों के जीवन को दोबारा जानने के रास्ते खोलती है.
यह पहली प्रागैतिहासिक कलाकृति है जो किसी खास व्यक्ति के लिए डीएनए जांच से जुड़ी हुई है. यह मालूम नहीं चला है कि जिस महिला का डीएनए इसपर मिला वो उसने इसे बनाया या केवल पहना ही था. वैज्ञानिकों की इस खोज से पाषाण युग की कलाकृतियों से प्राचीन मानव डीएनए को सफलतापूर्वक अलग किया जा सकेगा. नीदरलैंड के लीडेन विश्वविद्यालय के पुरातत्व संकाय में प्रोफेसर मैरी सोरेसी ने कहा, अब हम बता पाएंगे कि उस समय महिलाएं या पुरुष वास्तव में क्या कर रहे थे. निएंडरथल मानव या हमारे अपने पूर्वज होमो सेपियंस कौन सी तकनीक का उपयोग कर रहे थे.