हम में से कई लोग ऐसे हैं जो चाहते हैं कि वे अंतरिक्ष की सैर करें. लेकिन उसके लिए उनके पास कोई रास्ता नहीं है. ऐसे लोगों के लिए खुशखबरी है! भारत में जल्द ही प्राइवेट एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग शुरू होने जा रही है. ये एशिया की पहली प्राइवेट एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग होगी. मुंबई स्थित एस्ट्रोबोर्न एयरोस्पेस इस ट्रेनिंग को शुरू करने के लिए तैयार है. कंपनी वर्तमान में इसके लिए नवी मुंबई में 4 एकड़ का प्लॉट सुरक्षित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ बातचीत कर रही है.
जमीन मिलनी है बाकी
एस्ट्रोबोर्न के सह-संस्थापक और सीईओ, अक्षत मोहिते ने महत्वाकांक्षी परियोजना के बारे में टाइम्स ऑफ इंडिया को जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि वे जमीन को लेकर सारी फॉर्मेलिटी पूरी होने के इंतजार में हैं. जमीन मिलने के बाद इस सुविधा को 18-24 महीनों के भीतर चालू कर दिया जाएगा. इस सुविधा का लक्ष्य प्राइवेट एस्ट्रोनॉट, सरकारी कर्मियों और स्पेस को लेकर उत्साही लोगों सहित सभी को ट्रेनिंग की सुविधा देना है.
भारत का पहला कमर्शियल स्पेस मॉड्यूल
एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फैसिलिटी के अलावा, एस्ट्रोबोर्न भारत के पहले छह सीटों वाले कमर्शियल स्पेस मॉड्यूल पर भी काम कर रहा है. इसका नाम ऐरावत है. सबऑर्बिटल स्पेस टूरिज्म मिशनों के लिए इंजीनियर किए गए, ऐरावत को 400 किमी तक की ऊंचाई तक पहुंचने के लिए डिजाइन किया गया है. इससे यात्री कुछ हद तक स्पेस में जाने का एक्सपीरियंस ले सकेंगे. बता दें, एशिया में एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग की मांग बढ़ रही है.
1 महीने तक चलेगा कोर्स
इस फैसिलिटी में एडवांस ट्रेनिंग मॉड्यूल की सुविधा होगी, जिसमें हाइपोक्सिया चैम्बर, स्पेस सूट एक्लाइमेटाइजेशन एरिया, जी-फोर्स एक्सपोजर सिमुलेशन और स्पेसक्राफ्ट एंट्री और एग्जिट सिमुलेशन शामिल हैं. अक्षत मोहिते ने आगे कहा कि एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग प्रोग्राम एक महीने तक चलने वाला है. हालांकि, कमर्शियल और सरकारी एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग कार्यक्रमों की टाइमिंग अलग-अलग होगी.