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Climate Change: सावधान! समय रहते संभल जाएं नहीं तो 7 डिग्री तक गर्म हो जाएगा गंगाजल

हाल ही में हुए एक अध्ययन के मुताबिक अगर जलवायु परिवर्तन पर समय रहते रोक नहीं लगाई तो गंगाजल का तापमान जल्द ही 7 डिग्री तक बढ़ जाएगा.

गंगाजल गंगाजल
हाइलाइट्स
  • नदी पर पड़ रहा जलवायु परिवर्तन का असर

  • 5 दशक में 7 डिग्री गिरेगा नदी का तापमान

जलवायु परिवर्तन दुनिया भर के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. भारत भी इसके प्रकोप से अछूता नहीं रह गया है. नदियों में बहने वाला पानी जलवायु परिवर्तन के असर से अछूता नहीं है. गंगा नदी हो  या फिर कावेरी, नर्मदा का बहता पानी, सबके तापमान बढ़ने और उसमें ऑक्सीजन की मात्रा घटने का खतरा बना हुआ है. नेचर पत्रिका में प्रकाशित में एक अध्ययन का दावा है कि लगभग पचास सालों में गंगाजल सात डिग्री से ज्यादा गर्म हो सकता है.

नदी पर पड़ रहा जलवायु परिवर्तन का असर
हैदराबाद के इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन साइंसेज के विशेषज्ञों ने गंगा, गोदावरी, नर्मदा, कावेरी, साबरमती, तुंगभद्रा और मुसी पर अध्ययन किया था. इस अध्ययन के बाद शोधकर्ताओं का कहना है कि जलवायु परिवर्तन से वातावरण गर्म हो रहा है. हवा के तापमान में बढ़ोतरी के कारण नदी का पानी भी ज्यादा गर्म होता है. 

5 दशक में 7 डिग्री गिरेगा नदी का तापमान
दरअसल विशेषज्ञों ने गणितीय मॉडल के जरिए इन नदियों पर भविष्य में होने वाले असर का आकलन किया. रिपोर्ट में कहा गया कि पांच दशक में गर्मियों में नदी के पानी का तापमान 7 डिग्री सेल्सियस तक चढ़ने की आशंका है. अगर ऐसा होता हो भविष्य में परिणाम और भी भयावह होंगे, 2070 से 2100 तक ये 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा.

क्या पानी में कम हो जाएगी ऑक्सीजन?
नदी में रहने वाले जीव पानी में मौजूद ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं. लेकिन गर्म और प्रदूषित पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. इस अध्ययन में ये भी पाया गया है कि 2070 से 2100 तक नदियों के पानी में ऑक्सीजन का स्तर प्रति लीटर 7.9 मिलीग्राम के औसत स्तर से गिरकर 7.3 मिलीग्राम तक हो सकता है. नदी का तापमान बढ़ने और पानी में घुली ऑक्सीजन का स्तर कम होने से जलीय जीवन के लिए प्रतिकूल स्थितियां पैदा हो सकती हैं.