जब हमें किसी की बुध्दि का मजाक उड़ाना होता है तो हम अक्सर कहते हैं कि तुम्हारा दिमाग चिड़िया का दिमाग है. यानी तुम्हारा छोटा दिमाग है या तुम होशियार नहीं हो आदि. लेकिन असल में चिड़िया का दिमाग बहुत तेज चलता हैं. "बर्ड ब्रेन" को अपमान वाले शब्द के रूप में देखा जाता है. लेकिन चिड़ियों का ब्रेन न्यूरॉन्स से भरा हुआ होता है. यहां तक कि इनका दिमाग इतना तेज होता है कि ये क्लाउड मोनेट और पाब्लो पिकासो की बनाई पेंटिंग के बीच भी फर्क बता सकती हैं. ऐसा हम नहीं बल्कि ये बात नई स्टडी में सामने आई है.
ब्राजील में मिला 8 करोड़ साल पुराना पक्षी का जीवाश्म
ब्राजील में एक पक्षी का जीवाश्म (Fossil) मिला है, जो करीब 8 करोड़ साल पुराना है. उस पक्षी की खोपड़ी में एडवांस ब्रेन स्ट्रक्चर की छाप मिली है. जिससे पता चलता है कि शुरुआती पक्षी आधुनिक की ही तरह समझदार होते थे. बायोलॉजिस्ट मैटियो फेब्री कहते हैं, "यह पहली बार है जब हमारे पास इस ग्रुप के मस्तिष्क के बारे में वास्तव में अच्छी जानकारी है."
डायनासोर से भी पहले शुरू हो गया था पक्षियों का विकास
गौरतलब है कि पक्षियों का विकास डायनासोर से भी लगभग 16.5 करोड़ से 15 करोड़ साल पहले शुरू हुआ था. इसमें कुछ शुरुआती-जिनके पूर्वज वेलोसिरैप्टर थे. ये पक्षी प्रसिद्ध पंख वाले आर्कियोप्टेरिक्स थे. समय के साथ, एवियन एक समूह में विभाजित हो गए, जिन्हें आगे चलकर एनेंटियोर्निथिन कहा जाने लगा. ये एनेंटियोर्निथिन ग्रुप वाले पक्षी मॉडर्न बर्ड्स थीं.
हालांकि, ऐसा पहले बार नहीं है जब इस तरह की बात रिसर्च में सामने आई है. इससे पहले भी साल 2016 से, वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च में पाया था कि पक्षियों के दिमाग में दूसरे बड़े आकार के जानवरों से ज्यादा न्यूरॉन्स होते हैं. लेकिन पक्षियों के छोटे आकार की वजह से उनकी बुद्धि के स्तर को छोटा और कमतर आंका जाता है.