छोटे बच्चों के शरीर में हड्डियां अपने आप खुद किसी भी चोट से रिकवर कर लेती हैं. लेकिन जैसे जैसे उम्र बढ़ती जाती है, हड्डियों के खुद को ठीक करने की ये ताकत कम होती जाती है. लेकिन अब रिसर्चर्स ने एक ऐसा मेथड निकाला है जिससे ऐसा बड़े लोगों में भी हो सकता है. इसके लिए अभी चूहों पर ये रिसर्च की गई है. नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस में छपी इस रिसर्च के मुताबिक, हड्डियों के खुद को ठीक करने के लिए बोन टिश्यू इम्प्लीमेंटेशन की जरूरत नहीं है.
हड्डियों में होती है खुद को ठीक करने की क्षमता
ये रिसर्च यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग ने की है. दरअसल, बच्चों में खुद हड्डियों की समस्या ठीक करने की क्षमता होती है. बिना किसी बोन सर्जरी के भी ये समस्याएं अपने आप ठीक हो जाती है. इसके लिए किसी तरह के रिजनरेशन की जरूरत नहीं होती है. बस इसी को आधार बनाकर ये रिसर्च की गई है. इसके लेकर रिसर्चर कहते हैं, “शरीर की खुद को ठीक करने की इस क्षमता को देखकर ही हमने ये रिसर्च करने की सोची.”
इंसानों के लिए हो सकती है काफी फायदेमंद
ट्रॉमा, जन्मजात दोष और कैंसर या दूसरी बीमारियों के इलाज के लिए होने वाली सर्जरी से हमारी खोपड़ी (Skull) को नुकसान पहुंचता है. लगभग 2 साल की उम्र तक पहुंचने के बाद, ऐसी चोटें अपने आप ठीक नहीं होती हैं. इस रिसर्च में शामिल सीनियर लेखक Giuseppe Intini कहते हैं, "शिशुओं में, कैल्वेरियल हड्डियां पूरी तरह से जुड़ी नहीं होती हैं, इसलिए जहां स्टेम सेल्स रहती हैं, वहां टांके खुले होते हैं. ऐसे में हमने सोचा कि जैसे शिशुओं में ये टांकें खुले होते हैं, वैसे ही अगर वयस्कों में भी ऐसा करके हम स्टेम सेल को एक्टिव कर दें और स्टेम सेल नंबर को बढ़ा दें, तो क्या इस क्षमता को उनमें भी लाया जा सकता है.”
हड्डियों से जुड़ी परेशानी को ठीक किया जा सकता है
दरअसल, चूहों में भी खोपड़ी का विकास मनुष्यों के जैसा होता है- रिसर्चर्स ने उसकी हड्डी पर ये एक्सपेरिमेंट किया. जो पूरी तरह से सफल रहा. इसको लेकर रिसर्च में कहा गया, "अगर आप स्टेम सेल को प्रभावी ढंग से एक्टिव कर देते हैं, तो आप स्टेम सेल की संख्या बढ़ा सकते हैं और हड्डियों के खुद को ठीक करने की इस क्षमता का इस्तेमाल कर सकते हैं. आखिर में रिसर्च में कहा गया कि अगर ये इंसानों पर प्रभावी होता है तो इससे कई सारी हड्डियों से जुड़ी परेशानी को ठीक किया जा सकता है.